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क्यों इमरान खान पाकिस्तान के दो टुकड़ों में बंटने की देने लगे दुहाई? शेख मुजीब को करने लगे याद

पाकिस्तान के दो टुकड़ों में बंटने की कहानी इमरान ने ऐसे समय पर सुनाई है जब सरकार के खिलाफ उनका लॉन्ग मार्च सड़कों पर है और सरकार उनकी मांगों पर टस से मस होती नहीं दिखती. इमरान ने कहा कि 1970 में ऐसे ही हालत में पाकिस्तान 2 टुकड़ों में बंट गया था

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST

'एक लालची नेता ने सत्ता की भूख में पाकिस्तान की सेना को सबसे बड़े राजनीतिक दल के खिलाफ कर दिया और इसका नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया'. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने ये चेतावनी मुल्क की मौजूदा सरकारों को दिया है.  इमरान खान ने अपने लॉन्ग मार्च में कहा कि नवाज शरीफ और आसिफ जरदारी सत्ता में पीटीआई की वापसी रोकने के लिए ऐसी ही साजिश रच रहे हैं. 

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मंगलवार को पंजाब के गुजरांवाला हकीकी लॉन्ग मार्च के 5वें दिन इमरान खान पीएमएल एन और पीपीपी पर खूब गरजे. इमरान खान ने पाकिस्तान के लिए अपने संघर्ष की तुलना बंग बंधु और आवामी लीग के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान से की. बांग्लादेश बनने की कहानी याद दिलाते हुए इमरान खान ने कहा कि तब एक राजनीतिक पार्टी को शासन करने के अधिकार से वंचित कर दिया गया और इसका नतीजा ये हुआ कि हमारा मुल्क दो टुकड़ों में बंट गया. ऐसा कुछ शातिर नेताओं की सत्ता के लिए लालच की वजह से हुआ. 

बता दें कि इमरान खान पाकिस्तान में जल्द चुनाव की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इस कड़ी में इमरान कभी आर्मी पर आरोप लगा रहे हैं तो कभी पाक की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI को घसीट रहे हैं. इमरान खान शहबाज शरीफ सरकार से जल्द चुनाव करवाने की अपनी मांग मनवाने के लिए अब किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं.

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लॉन्ग मार्च के पांचवें दिन पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुजरांवाला में कहा कि तब आवामी लीग को जनमत मानने नहीं दिया गया इसका नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा टूटकर अलग हो गया. 

इमरान ने कहा, "एक घाघ नेता (जुल्फीकार अली भुट्टो) ने सत्ता के लिए अपनी लालच में सैन्य बलों को सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ कर, ये पार्टी चुनाव जीतकर आई थी, इसका नतीजा ये हुआ कि मुल्क दो भागों में बंट गया."

आवामी लीग से पीटीआई की तुलना करते हुए इमरान खान ने कहा कि उनकी पार्टी पीटीआई सबसे बड़ी सियासी जमात है फिर भी सरकार फिर से चुनाव कराने की उनकी मांग को नहीं मान रही है. 

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, "सभी लोग जानते हैं कि 1970 के आम चुनाव में मुजीबुर रहमान और उनकी पार्टी ने जीत हासिल की थी. उनको सत्ता सौंपने के बजाय एक शातिर नेता ने सेना और आवामी लीग को लड़वा दिया... अभी नवाज शरीफ और आसिफ जरदारी ऐसा ही रोल अदा कर रहे हैं और सत्ता प्रतिष्ठानों से मिलकर सरकार में पीटीआई की वापसी को रोकने के लिए साजिश रच रहे हैं."

इमरान खान ने नवाज शरीफ को चुनौती देते हुए कहा कि जब वे पाकिस्तान आएंगे तो वे उनके इलाके से चुनाव लड़कर उन्हें हराएंगे. पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि सिंध को जल्द ही जरदारी के शासन से मुक्त कराया जाएगा.

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 बता दें कि 1970 में बांग्लादेश के आजाद होने की कहानी भारत में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के नाम से जानी जाती है. तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के निर्देश पर भारत की सेना पाकिस्तानी सेना की ज्यादतियों का जवाब देने के लिए बांग्लादेश में प्रवेश की. भारत की कार्रवाई में पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों को सरेंडर करना पड़ा. इस तरह से राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ. 

 

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