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'9 मई की हिंसा के मास्टरमाइंड हैं इमरान खान', पाकिस्तान के PM बोले- सैन्य नेतृत्व गिराना था मकसद

9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद 70 वर्षीय खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया. इसको लेकर पाकिस्तान के पीएम ने इमरान खान पर निशाना साधा है.

शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर निशाना साधा है शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर निशाना साधा है
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 30 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:23 PM IST

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर इमरान खान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि इमरान खान 9 मई को पूरे पाकिस्तान में अभूतपूर्व सरकार विरोधी प्रदर्शनों के मास्टरमाइंड थे और इसका उद्देश्य सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकना था. दरअसल, 9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद 70 वर्षीय खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया.

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दंगों के दौरान रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय सहित दर्जनों सैन्य प्रतिष्ठान और सरकारी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं या आग लगा दी गईं. पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक जियो न्यूज चैनल के साथ एक इंटरव्यू में शरीफ ने कहा कि पुरुष, महिलाएं, एक गुट, कुछ सैन्य पुरुष और उनके परिवार 9 मई की घटनाओं में शामिल थे, जिसे शक्तिशाली सेना ने "काला दिवस" करार दिया था. 9 मई की घटनाओं में शामिल लोग सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकना चाहते थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि योजनाकार देश में अराजकता और युद्ध चाहते थे.

जियो न्यूज ने शरीफ के हवाले से बताया कि पीटीआई अध्यक्ष खान 9 मई की घटनाओं का मास्टरमाइंड था. हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद, कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने पूरे पाकिस्तान में 10,000 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया, जिनमें से 4,000 केवल पंजाब प्रांत से थे. खान के अनुसार, हिंसा में 16 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ता मारे गए. पुलिस ने मरने वालों की संख्या 10 बताई है.

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बता दें कि इमरान खान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों से संबंधित कई मामलों का भी सामना कर रहे हैं. फिलहाल उन पर आतंकवाद, हत्या और ईशनिंदा से जुड़े 150 से ज्यादा मामले चल रहे हैं. वह कथित तौर पर अपने निजी आवास पर नजरबंद हैं. कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने पूरे पाकिस्तान में 10,000 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 4,000 केवल पंजाब प्रांत से हैं.

खान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों से संबंधित कई मामलों का भी सामना कर रहे हैं. फिलहाल उन पर आतंकवाद, हत्या और ईशनिंदा से जुड़े 150 से ज्यादा मामले चल रहे हैं. वह कथित तौर पर लाहौर के ज़मान पार्क स्थित अपने निजी आवास में नजरबंद हैं.

पीटीआई का तर्क है कि उसके सदस्य हमलों में शामिल नहीं थे, लेकिन सरकार और सेना ने दावों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके पास उनकी संलिप्तता के "अकाट्य सबूत" हैं.

खान को अपने नेतृत्व में अविश्वास मत हारने के बाद पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, उन्होंने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों के कारण उन्हें निशाना बनाने वाली अमेरिका के नेतृत्व वाली साजिश का हिस्सा था. अमेरिका ने उनके आरोपों को बार-बार खारिज किया है.

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