
तोशखाना (गिफ्ट) मामले में इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. चुनाव आयोग ने पहले इस मामले में पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को पांच साल के लिए अयोग्य करार दिया. इस फैसले के बाद इमरान खान पांच वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. अब इस मामले में दुबई के एक व्यवसायी का बयान सामने आया है.
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इमरान खान को उपहार में लाखों डॉलर की घड़ी दी थी. इस घड़ी को खरीदने का दावा करने वाले दुबई के एक व्यवसायी ने सोमवार को कहा कि वह बेशकीमती संपत्ति को उसके असली मालिक को लौटाना चाहता है. 2 मिलियन अमेरिकी डालर मूल्य की महंगी ग्रेफ कलाई घड़ी, उन उपहारों का हिस्सा थी, जिनकी कथित बिक्री ने इमरान खान को तोशखाना विवाद में डाल दिया. गौरतलब है कि इस मामले के सामने आने के बाद इमरान पर "झूठे बयानों और गलत घोषणाओं" का आरोप था और चुनाव आयोग ने चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया था.
व्यवसायी उमर फारूक ने क्या कहा?
समाचार ऐजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यवसायी उमर फारूक जहूर ने दावा किया है कि उन्होनें अपने विश्वसनीय पारिवारिक मित्र, फराह गिग के माध्यम से मोटी रकम चुकाकर इमरान खान से घड़ी खरीदी थी. हालांकि, वह अब अपने फैसले पर पछतावा कर रहे हैं और पाकिस्तान में घड़ी को लेकर चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए इससे अलग होने को तैयार हैं. जहूर ने एक बयान में कहा, "एक पाकिस्तानी के रूप में और सऊदी अरब के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए यदि मौका दिया गया तो मैं इस घड़ी को उसके सही मालिक को लौटाना चाहूंगा, ताकि यह विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाए"
जहूर ने कहा कि उन्होंने बहुत गर्व के साथ घड़ी खरीदी क्योंकि यह दुनिया का एकमात्र चीज है जिस पर पवित्र काबा की छवि है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से विवाद हो रहा है उससे वह बेहद नाखुश हैं और खेद है कि पाकिस्तानी मीडिया द्वारा उनकी छवि को कैसे धूमिल किया गया है. उन्होंने कहा, ''जब मुझे पता चला कि यह बिक्री के लिए उपलब्ध है, तो मैं इस अवसर को खोना नहीं चाहता था. मुझे लगा कि यह गलत हाथों में जा सकता है, विशेष रूप से जिस तरह से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से दुबई में इसकी मार्केटिंग की गई थी."
क्या है तोशखाना विवाद
गौरतलब है कि मीडिया में तोशखाना बिक्री की खबर सामने आने के बाद से पाकिस्तान की सरकार और विपक्ष के बीच कई आरोप-प्रत्यारोप हुए. पाकिस्तानी कानून के मुताबिक, इसे हासिल करने वाले को अनुमति देने से पहले मूल्यांकन के लिए विदेशी उपहारों को तोशखाना या कोषागार में जमा करने की जरूरत होती है. सरकारी अधिकारियों को प्राप्त होने वाले किसी भी उपहार की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है. तोशखाना में बड़े उपहार भेजे जाते हैं, हालांकि गिफ्ट प्राप्त करने वाला शख्स उन्हें 50 प्रतिशत तक की छूट पर वापस खरीद सकता है. कहा जाता है कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पत्नी ने 40 मिलियन पाकिस्तानी रुपये से कम के भुगतान के लिए पाकिस्तान सरकार के तोशखाना से सभी 112 उपहारों को अपने पास रख लिया था.