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पाकिस्तान में इमरान खान को सरेआम फांसी देने की उठी मांग

पाकिस्तान में इमरान खान को लेकर बवाल कम होता नहीं दिख रहा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व प्रधानमंत्री की रिहाई सरकार को रास नहीं आ रही. ऐसे में उनके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल के खिलाफ भी निंदा प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है.

इमरान खान इमरान खान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:14 PM IST

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सियासी हलचल लगातार बढ़ रही है. सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद इमरान विरोधी राजनीतिक दल एकजुट हो गए हैं. इमरान की रिहाई के विरोध में एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट के बाहर सभी दल प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं संसद में इमरान खान को फांसी दिए जाने की मांग भी उठने लगी है.

नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने इमरान खान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दिए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इमरान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दे देनी चाहिए. लेकिन इसके बजाए कोर्ट उनका ऐसे स्वागत कर रही है, जैसे वह उनके दामाद हों.

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इमरान खान की रिहाई के विरोध में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रदर्शन कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. पीडीएम कई पार्टियों से मिलकर बना संगठन है, जिसमें सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUIF) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) सहित कई पार्टियां शामिल हैं. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ नारेबाजी की गई. लाहौर में अगले सात दिनों तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है. 

इसे भी पढ़ें: कभी खट्टा, कभी मीठा... इमरान खान और SC के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल का ये रिश्ता क्या कहलाता है?

इमरान को जमानत देने वाले चीफ जस्टिस को हटाने की तैयारी

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने इमरान खान को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था, जिसके बाद इमरान को जमानत मिल गई थी. इसके बाद से पाकिस्तान सरकार खुलकर बंदियाल के विरोध में उतर आई है. सरकार ने उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया. 

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इस संबंध में नेशनल असेंबली ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ संदर्भ तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति के गठन की मांग की गई है. 

सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ने न्यायपालिका पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का पक्ष लेने, राजनीति में शामिल होने और नौ मई को हमलावरों का समर्थन करने का आरोप लगाया है.

इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, जेयूआई-एफ नेता असद महमूद और अन्य ने सीजेपी बंदिायल के कथित दोहरे मानदंड़ों पर नाराजगी जाहिर की थी. 

इस हलचल के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान से अल कादिर ट्रस्ट केस में जांच में शामिल होने को कहा है. 

इमरान किस केस में गिरफ्तार हुए थे?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) और पाक रेंजर्स ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से देशभर में जमकर बवाल हुआ. वह रिहा तो हो गए हैं, लेकिन अब भी पीटीआई समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प की सूचना सामने आ रही हैं.

पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में बड़ी तादाद में इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गिरफ्तारी से सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर होना चाहिए था, लेकिन पीटीआई समर्थकों ने ठीक इसके उलट सेना को निशाना बनाना शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने सैन्य प्रतिष्ठानों, उनके कार्यालयों और घरों पर हमले करने शुरू कर दिए.

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