
पाकिस्तान में आम चुनाव हैं और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक और बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने इमरान खान को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख के रूप में शामिल नहीं है. ECP ने पाकिस्तान की 175 रजिस्टर्ड पार्टियों की अपडेट लिस्ट जारी की है. इसमें इमरान के बारे में जिक्र नहीं है. चुनाव आयोग के एक्शन के बाद पीटीआई अब नेतृत्व विहीन हो गई है. आधिकारक तौर पर पीटीआई अब इमरान की नहीं रही. इससे पहले ECP ने इमरान खान पर पांच साल चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया था. हालांकि, कोर्ट ने चुनाव आयोग के आदेश को रद्द कर दिया था. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि PTI के नेता चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं...
बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव होने जा रहे हैं. नामांकन करने की आखिरी तारीख निकल गई है. पीटीआई के संस्थापक इमरान खान ने पंजाब प्रांत में स्थित अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र मियांवली से नामांकन दाखिल किया है. अब नामांकन की जांच के बाद तय सकेगा कि इमरान चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं. इमरान फिलहाल अभी जेल में बंद हैं. कोर्ट ने इसी साल पांच अगस्त को इमरान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया था. इमरान ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुनवाई के बाद SC ने इमरान को जमानत तो दे दी, लेकिन दो अन्य मामलों में गिरफ्तारी के कारण बाहर नहीं निकल सके हैं.
'पाकिस्तान में 175 रजिस्टर्ड पार्टियां'
नामांकन पत्र दाखिल होने की तारीख निकलने के बाद अब 24 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नॉमिनेशन की जांच होगी. इस बीच, पाकिस्तान चुनाव आयोग ने जो रजिस्टर्ड पार्टियों की सूची जारी की है, उसमें इमरान खान की पार्टी पीटीआई का नाम नहीं है. अपडेट सूची में 175 दलों के नाम हैं. ये सभी पार्टियां रजिस्टर्ड राजनीतिक दल के तौर पर आम चुनाव में हिस्सा ले सकेंगे. लेकिन, पीटीआई के संस्थापक इमरान खान को पार्टी के प्रमुख के रूप में शामिल नहीं किया है.
'इमरान को लेकर चर्चाएं तेज'
चुनाव आयोग की अपडेट सूची जाने के बाद पाकिस्तान के सियासी हलकों में तमाम चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. पाकिस्तानी चुनाव आयोग की नई सूची के बाद अब पीटीआई एक बगैर नेतृत्व के चलने वाली पार्टी रह गई है. चुनाव आयोग ने पीटीआई को एक नेतृत्वहीन राजनीतिक पार्टी के रूप में चिह्नित किया है.
'आंतरिक चुनाव से संतुष्ट नहीं चुनाव आयोग'
इससे पहले पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने पीटीआई में हुए आंतरिक चुनाव को सिरे से खारिज किया था और चुनाव चिह्न छीनने का फैसला किया था. आयोग आंतरिक चुनाव से संतुष्ट नहीं था. शुक्रवार को पाकिस्तान चुनाव आयोग के पांच सदस्यीय पैनल ने कहा था, पीटीआई अपनी पार्टी के संविधान के अनुसार चुनाव कराने में विफल रही है. ऐसे में पार्टी चुनावी चिह्न के रूप में 'बल्ला' बरकरार नहीं रख सकती है. पार्टी के आतंरिक चुनाव को गैरकानूनी घोषित किए जाने के साथ इमरान की जगह पार्टी के अध्यक्ष का पद संभालने वाले गोहर अली खान भी पार्टी के प्रमुख नहीं रहे थे.
क्या अब चुनाव लड़ पाएंगे पीटीआई के नेता?
फिलहाल, जानकारों का कहना है कि इमरान खान की पार्टी के पास अभी भी कानूनी विकल्प हैं. पीटीआई को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी. चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ पीटीआई या तो सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है या फिर निर्दलीय के तौर पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है. इसके अलावा, पीटीआई किसी अन्य पार्टी के साथ अलायंस भी कर सकती है, ताकि उसके उम्मीदवार चुनावों में उस पार्टी के चुनाव चिह्न का उपयोग कर सकें. इसे लेकर जल्द फैसला लेना होगा. यह तस्वीर 30 दिसंबर तक पूरी तरह साफ हो जाएगी. क्योंकि नामांकन जांच की आखिरी तारीख 30 दिसंबर है. उसके बाद जनवरी में चुनाव चिह्न वितरित किए जाएंगे.
9 अगस्त को पाकिस्तानी संसद भंग
9 अगस्त 2023 की आधी रात को पाकिस्तान की संसद भंग कर दी गई थी. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर आधीरात में भंग कर दी थी. इसके साथ ही शहबाज शरीफ सरकार का कार्यकाल भी समाप्त हो गया था. संसद को भंग करने को लेकर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि नेशनल असेंबली को संविधान के आर्टिकल 58 के तहत भंग किया गया है. संसद का पांच साल का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर 12 अगस्त को खत्म होना था.