
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को स्थानीय चुनावों में बड़ा झटका लगा है. पार्टी अपना गढ़ माने जाने वाले खैबर पख्तूनख्वा में स्थानीय चुनावों में हार का सामना कर रही है. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) ने पेशावर (खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी) के मेयर पद के लिए हुए चुनावों में जीत हासिल की है. खैबर पख्तूनख्वा राज्य में आदिवासी जिलों के विलय के बाद ये पहला चुनाव था जहां PTI को मुंह की खानी पड़ी है.
बड़े अंतर से हारे पीटीआई के उम्मीदवार
पाकिस्तानी अखबार, 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने ये जानकारी अनौपचारिक और असत्यापित नतीजों के आधार पर दी है. पीटीआई को स्थानीय चुनावों के पहले चरण में अधिकांश क्षेत्रों में चौंकाने वाली हार मिली है. पीटीआई पेशावर की मेयर सीट JUI-F से बड़े अंतर से हार गई.
अनाधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, JUI-F के पार्टी प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के रिश्तेदार जुबैर अली को 62,388 वोट मिले हैं. उन्होंने करीब 11,500 वोटों के अंतर से पीटीआई के उम्मीदवार रिजवान बंगश को हरा दिया. रिजवान बंगश को 50,669 और पीपीपी के जराक अरबाब को 45,000 वोट मिले हैं.
हार पर इमरान खान क्या बोले?
खैबर पख्तूनख्वा में पीटीआई की हार पर इमरान खान की भी प्रतिक्रया सामने आई है. उन्होंने कहा है कि पीटीआई ने गलती की थी जिसकी सजा हमें मिली. अपने एक ट्वीट में इमरान खान ने लिखा, 'खैबर पख्तूनख्वा के स्थानीय चुनावों के पहले चरण में हमने गलती की और उसकी कीमत भी चुकाई. गलत उम्मीदवारों का चयन हमारी हार की सबसे बड़ी वजह बनी है. दूसरे चरण के चुनावों पर अब से मैं खुद नजर रखूंगा. इंशाअल्लाह पीटीआई जीत कर आएगी.'
विपक्ष का हौसला बढ़ाएगा ये चुनाव
अनौपचारिक परिणामों के अनुसार, जेयूआई-एफ 20 सीटों के साथ आगे चल रही है, उसके बाद सत्तारूढ़ पीटीआई (15), अवामी नेशनल पार्टी (7), पीएमएल-एन (3), जमात-ए-इस्लामी (2) और पीपीपी ( 1) सीटों पर अपनी बढ़त बनाए हुए हैं. सत्तारूढ़ पीटीआई के गढ़ खैबर पख्तूनख्वा में स्थानीय चुनावों के नतीजे इमरान खान सरकार के लिए चिंता का विषय है. वहीं ये चुनाव विपक्षी दलों के लिए हौसला बढ़ाने वाले हैं.
खैबर पख्तूनख्वा में पार्टी की बढ़त से उत्साहित मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि स्थानीय चुनाव ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनकी पार्टी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है. सोमवार को क्वेटा में बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री असलम रायसानी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए फजलुर रहमान ने इमरान खान पर तंज किया और दोहराया कि पार्टी की सरकार वैध नहीं थी बल्कि ये एक 'सेलेक्टेड सरकार थी.'
उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ मार्च की तैयारी के लिए सभी राज्यों में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नेताओं और अधिकारियों द्वारा बैठकें की जा रही हैं. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट 11 राजनीतिक पार्टियों का एक मोर्चा है जो साल 2020 में बना था. इसके नेता इमरान खान को 'आर्मी की कठपुतली' मानते हैं.
मरियम नवाज ने साधा इमरान खान पर निशाना
इन नतीजों को लेकर PML-N की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने इमरान खान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस बदलाव का वादा किया था, वो अपमानजनक तरीके से तोड़ा जा रहा है. मरियम नवाज ने पीटाआई के चुनावी नारे, 'तब्दीली आ नहीं रही है, तब्दीली आ गई है' के तर्ज पर अपने एक ट्वीट में लिखा, 'तब्दीली आ नहीं रही, तब्दीली जा रही है.'
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, 'सरकार ने देश की 22 करोड़ जनता को महंगाई और अराजकता के गर्त में धकेल दिया है जिस कारण लोग सरकार को बद्दुआ दे रहे हैं.'
इन स्थानीय चुनावों में हिंसा भी खूब देखने को मिली है. श्वाबी, बन्नु और दर्रा आदम खेल में हिंसा को देखते हुए रविवार को चुनाव स्थगित कर दिए गए थे.
बहरहाल, हालिया स्थानीय चुनाव की बात करें तो 64 तहसीलों और 17 जिलों में चुनाव हुए थे. 64 तहसीलों में से मौलाना फजलुर रहमान की JUI-F 20 तहसील अध्यक्ष पदों पर आगे चल रही थी, जबकि पीटीआई 15 सीटों के साथ पीछे चल रही थी.
स्थानीय चुनावों में आवामी नेशनल पार्टी ने भी 9 सीटों पर अपना कब्जा किया है. निर्दलीय प्रत्याशियों को एक भी सीट नहीं मिल सकी है. द पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) ने 3, जमात-ए-इस्लामी ने दो सीटें जीती हैं जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, तहरीक-ए-इस्लाहत और मजदूर किसान पार्टी ने एक-एक सीटें पर जीत दर्ज की है.
पेशावर के 7 तहसीलों में से पीटीआई केवल एक ही सीट जीत पाई है. वहीं JUI-F ने 3 और ANP ने दो सीटें जीती हैं. असत्यापित परिणामों के मुताबिक, मार्डन में पीटीआई एक भी सीट नहीं जीत पाई है. वहीं, JUI-F के उम्मीदवार तीन तहसीलों में विजयी रहे हैं. ANP ने भी मार्डन में दो तहसीलों पर कब्जा किया है.