
पाकिस्तान में अराजकता जैसी स्थिति के बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख इमरान खान अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी, उनके लापता होने और चुनाव नहीं कराए जाने की शिकायत ब्रिटेन और यूरोप में करेंगे. ब्रिटेन और यूरोप के लिए पीटीआई के फोकल पर्सन साहिबजादा 'चिको' जहांगीर ने कहा कि पार्टी को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कुछ नहीं चाहिए, लेकिन वह निश्चित रूप से पाकिस्तान सरकार से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का आह्वान कर रही है.
पीटीआई के कार्यकर्ताओं के खिलाफ शहबाज शरीफ की सरकार द्वारा पाकिस्तान में हो रही कार्रवाई को लेकर ब्रिटेन और यूरोप में पार्टी के प्रतिनिधियों ने विरोध प्रदर्शन किया है. ब्रिटेन और यूरोप के सांसदों को पत्र भी लिखे गए हैं और मानवाधिकार संगठनों को भी इसकी सूचना दी गई है.
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार, डॉन से बात करते हुए जहांगीर ने कहा, 'हमारी पार्टी से जुड़े लोग ब्रिटेन और यूरोप में सक्रिय हैं, इसलिए हमें लोगों को बाहर आने और विरोध करने के लिए बहुत कुछ कहने की जरूरत नहीं है. जिन लोगों को आप विरोध प्रदर्शनों में देख रहे हैं, उनके परिवार पाकिस्तान में हैं. वे हर साल अपने घर पाकिस्तान अरबों रुपये भेजते हैं, इसलिए जो कुछ हो रहा है, उससे वे परेशान हैं.'
जहांगीर ने पुष्टि की कि ब्रिटेन में रहने वाले पाकिस्तानी अपने संबंधित सांसदों को पत्र लिख रहे हैं, उन्हें पाकिस्तान में हो घटनाओं से अवगत करा रहे हैं और संसद में इस मुद्दे को उठाने की मांग कर रहे हैं.
विदेशों में प्रदर्शन से पीटीआई को क्या हासिल होगा?
जब उनसे पूछा गया कि इन विरोध प्रदर्शनों से पार्टी को क्या हासिल होने की उम्मीद है, तो उन्होंने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कुछ भी नहीं चाहते हैं, लेकिन हमारी पाकिस्तान सरकार से एक मांग है, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव. यहां ब्रिटेन में हम एक लोकतांत्रिक समाज में रहते हैं... यहां अगर कोई सरकार लोगों का विश्वास खो देती है, तो उसे जाना होता है. यह स्थिरता है.'
उन्होंने कहा कि लंदन में पीटीआई के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र संघों और मानवाधिकार संगठनों से मिलेंगे और उन्हें बताएंगे कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों का दमन किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'हम गहरे गटर में चले गए हैं. हम उन लोगों से मदद मांग रहे हैं जो समझते हैं और जिन्होंने हमें समर्थन देने के लिए इन संगठनों को बनाया है.'
वहीं, नवाज शरीफ और उनकी पार्टी के खिलाफ लंदन में अभियान चलाने वाले पीटीआई कार्यकर्ता शायन अली ने समर्थकों से 'फासीवाद के खिलाफ विरोध' करने के लिए पार्क लेन में नवाज शरीफ के फ्लैट के बाहर इकट्ठा होने का आग्रह किया. उन्होंने प्रवासी पाकिस्तानियों से अपने सांसदों को पाकिस्तान की स्थिति से अवगत कराने के लिए पत्र भेजने का भी आग्रह किया.
यूरोपीय संघ के राजदूतों से मिले पीटीआई नेता
पीटीआई के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी और असद उमर ने इस्लामाबाद में यूरोपीय संघ के राजनयिकों और राजदूतों से हाल ही में मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद ही ब्रिटेन में पीटीआई का प्रदर्शन देखने को मिला है.
पीटीआई ने यूरोपीय संघ के राजनयिकों और राजदूतों के साथ बैठक को लेकर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की है लेकिन मामले से परिचित एक सूत्र ने कहा कि यूरोपीय संघ के राजनयिकों से पीटीआई के खिलाफ कार्रवाई का विवरण साझा किया गया है.
सूत्र ने कहा, 'यूरोपीय देश विशेष रूप से लोकतंत्र समर्थक और मानवाधिकार समर्थक हैं. हालांकि, हम किसी तरह के हस्तक्षेप की अपेक्षा नहीं कर रहे हैं, वो इस बारे में जानने को इच्छुक हैं कि आखिर पाकिस्तान में हो क्या रहा है.'
सूत्र ने कहा कि पीटीआई ने यूरोपीय संघ के राजनयिकों के साथ बात करने का फैसला किया क्योंकि राजनयिक सरकार के साथ जुड़े हुए हैं और पहले से ही सरकार के दृष्टिकोण से अवगत हैं.
सूत्र ने कहा कि इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए जमान पार्क में जो हुआ और जब वो कोर्ट में पेश हुए तब उन पर हमले की जो योजना बनाई गई थी, उसके बारे में राजनयिकों को अवगत करा दिया गया है.
पीटीआई ने IPU को लिखा पत्र
इधर, पीटीआई नेता और पूर्व नेशनल असेंबली स्पीकर असद कैसर ने 'पीटीआई पर राजनीतिक उत्पीड़न, हत्या के प्रयास और हमलों' को लेकर राष्ट्रीय संसदों के वैश्विक संगठन, Inter Parliamentary Union (IPU) से संपर्क किया है.
179 देशों के संगठन IPU को लिखे एक पत्र में कैसर ने शहबाज शरीफ सरकार को फासीवादी सरकार कहते हुए उसकी आलोचना की और उस पर 'अवैध नीतियों और मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन' का आरोप लगाया. कैसर ने पत्र में उम्मीद जताई कि फोरम स्थिति पर ध्यान देगा और पाकिस्तान के लोगों की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभाएगा.
मानवाधिकार उल्लंघन पर रिपोर्ट जारी करेगी पीटीआई
पीटीआई के प्रमुख नेता फवाद चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी मंगलार को एक रिपोर्ट जारी कर रही है, जिसमें '25 मई से अब तक पीटीआई के खिलाफ सभी मानवाधिकारों के उल्लंघन' का सारांश शामिल है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सरकार पीटीआई कार्यकर्ताओं को राजनीतिक कारणों से हिरासत में यातना दे रही है.
ब्रिटेन, यूरोप में पीटीआई समर्थकों का विरोध प्रदर्शन
पाकिस्तान में इमरान खान और पीटीआई के खिलाफ हो रही कार्रवाई के विरोध में ब्रिटेन और यूरोपीय संघ की संसद के बाहर समर्थकों का प्रदर्शन देखने को मिला है. लंदन में संसद भवन और 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर पीटीआई के बड़े विरोध प्रदर्शन हुए हैं. यूरोपीय संघ के संसद के बाहर ब्रुसेल्स में भी एक बड़ा प्रदर्शन हुआ है.
इन प्रदर्शनों में इमरान खान के समर्थन में और शहबाज शरीफ के खिलाफ नारेबाजी की गई. प्रदर्शन में समर्थकों ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख की आलोचना वाले पोस्टर भी लहराए.