
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि वह भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन यह तब तक मुमकिन नहीं होगा, जब तक भारत में बीजेपी की सरकार रहेगी. हम दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि एक बार फिर शीत युद्ध जैसी स्थिति बने. इमरान ने कहा कि हम अफगानिस्तान, ईरान और चीन समेत पाकिस्तान के सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं.
ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में इमरान खान ने आर्थिक लाभों पर बात करते हुए कहा कि अब दोनों देशों के बीच अच्छे व्यापारिक संबंध होंगे तो इससे बहुत बड़ा लाभ होगा, लेकिन इस राह में जम्मू-कश्मीर का मसला भारत का रुख बड़ा रोड़ा है.
उन्होंने अखबार से कहा, 'यह निराशाजनक है क्योंकि आपके पास (समाधान के लिए) कोई मौका नहीं है क्योंकि वे इन राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काते हैं. उन्होंने कहा कि एक बार राष्ट्रवाद का यह जिन्न बोतल से बाहर हो गया तो इसे फिर से वापस लाना बहुत मुश्किल है.
उन्होंने कहा, "हम सभी जानते हैं कि उनके पास कश्मीर (मुद्दे) के समाधान के लिए एक रोडमैप होना चाहिए. भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है.
इमरान खान ने कहा कि 2019 में जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया तो पाकिस्तान को भारत के साथ अपने रिश्ते ठंडे करने पड़े. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं.
भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और 5 अगस्त 2019 को राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध ठीक नहीं रहे हैं.
भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर लिया और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया था तब से पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापार संबंध भी काफी हद तक कम हो गए हैं.