Advertisement

PAK: इमरान खान का बचा सम्मान, 178 वोट के साथ हासिल किया विश्वास मत

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल कर लिया है. अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार को असेंबली में हुई वोटिंग में उन्होंने यह जीत हासिल की.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान  (फाइल फोटो) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST
  • इमरान खान ने हासिल किया विश्वास मत
  • इमरान खान के पक्ष में पड़े 178 वोट
  • पाकिस्तान में बची इमरान खान की सरकार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल कर लिया है. अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार को असेंबली में हुई वोटिंग में उन्होंने यह जीत हासिल की. इमरान खान के पक्ष में 178 वोट पड़े.

असल में, पाकिस्तान में सीनेट चुनाव में वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख की हार की वजह से इमरान खान की सरकार को नेशनल असेंबली में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करना पड़ा. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने नेशनल असेंबल में प्रस्ताव पेश किया. जब वोटिंग हुई तो इमरान खान के पक्ष में 178 वोट पड़े.

Advertisement

इससे पहले, विपक्ष ने विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान के दौरान संसद के बहिष्कार का ऐलान किया था. हालांकि इससे इमरान खान को राहत मिल गई थी. विश्वास मत प्रस्ताव पेश होने से पहले इमरान खान ने अपने सांसदों कहा था कि वे पार्टी लाइन को फॉलो करें. साथ ही उनका कहना था कि विश्वास मत को लेकर होने वाली वोटिंग में में जो फैसला आएगा वह उसका सम्मान करेंगे. अगर वे इसमें हार गए तो वह विपक्ष में बैठने के लिए तैयार हैं. 

विश्वास मत की जरूरत क्यों पड़ी?

बता दें कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के उम्मीदवार अब्दुल हफीज शेख को हरा दिया. इससे इमरान खान को बड़ा झटका लगा. इसके बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को पार्टी और गठबंधन में सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठक की और फ्लोर टेस्ट का ऐलान किया. 

Advertisement

पाकिस्तान की 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के 157 सदस्य हैं. वहीं नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के 84 और बिलावल भुट्टो की पीपीपी के 54 सदस्य यानी कुल 138 सदस्य हैं. संविधान के अनुच्छेद 91 (7) के तहत बहुमत के लिए नेशनल असेंबली में 172 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है. हालांकि, एनए-75 सीट खाली होने की वजह से इमरान सरकार को बहुमत के लिए 171 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी. लेकिन वोटिंग के दौरान उनके पक्ष में 178 वोट मिले. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement