
पाकिस्तान की हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को निर्देश दिया है कि वो कुलभूषण जाधव मामले में भारत की गलतफहमियों को सुलझाए. पाकिस्तान की इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी विदेश विभाग से कहा है कि वो कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई पर हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र के बारे में भारत की गलतफहमियों को क्लियर करे ताकि इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले को लागू किया जा सके.
आपको बता दें कि कुलभूषण जाधव 50 वर्षीय रिटायर्ड भारतीय नेवी ऑफिसर हैं, जिन्हें पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने साल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के झूठे मामले में फंसाकर फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की तरफ रुख किया. पालिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले में भारत को कांसुलर एक्सेस देने की अनुमति नहीं दी थी. कांसुलर एक्सेस और कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा के खिलाफ भारत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पहुंच गया था.
हेग स्थित ICJ ने जुलाई, 2019 में आदेश दिया था कि कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर पाकिस्तान दोबारा से रिव्यू करे और बिना देरी किए भारत को कांसुलर एक्सेस दे दे.
इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल एक स्पेशल आर्डिनेंस पास कर दिया और इस मामले को इस्लामाबाद की हाईकोर्ट में फाइल कर दिया. इस मामले में पाकिस्तान ने भारत से लगातार कहा कि वो अपना वकील नियुक्त करे. जस्टिस अतहर मिनाल्लाह, जस्टिस आमेर फारूक और जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने रिपोर्ट की है कि भारतीय हाई कमीशन ने एक वकील के माध्यम से इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में डिफेंस वकील नियुक्त करने के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है. भारत ने कहा कि ये मामला पाकिस्तानी अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.
इस पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जज ने कहा- ''ऐसा लगता है कि भारत को इस मामले से जुड़ी प्रक्रियाओं को लेकर कुछ गलतफहमियां हैं. न केवल इस कोर्ट का इस मामले पर अधिकार क्षेत्र है बल्कि इस कोर्ट को ICJ के फैसले को लागू भी करना है. अगर भारत ICJ के फैसले को लागू नहीं करना चाहता तो हमें इसकी सूचना दे देनी चाहिए.'' इसके बाद पाकिस्तानी कोर्ट ने विदेशी विभाग को निर्देश दिया है कि वो इस मामले पर भारत की गलतफहमियों को क्लियर करे.