
यूक्रेन पर जारी रूसी हमलों के बीच संयुक्त राष्ट्र (United Nations) लगातार इस मसले पर चिंता जाहिर कर रहा है. अमेरिका और यूरोपीय देश UN के जरिए रूस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत ने UN में अपनी स्थिति को तटस्थ बनाए रखा है. भारत (India) दोनों देशों से जंग खत्म कर बातचीत करने की वकालत कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council) में यूक्रेन के मसले पर तत्काल बैठक बुलाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया. इस पर तटस्थ रहते हुए भारत ने वोट ना करने का फैसला लिया. बैठक बुलाने के पक्ष में 29 देशों ने वोट किया. वहीं, 5 देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया. इसके साथ ही भारत समेत 13 देशों ने तटस्थ रहने का फैसला किया.
इन 5 देशों ने किया प्रस्ताव का विरोध
1. रूस (Russia)
2. चीन (China)
3. क्यूबा (Cuba)
4. इरीट्रिया (Eritrea)
5. वेनेजुएला (Venezuela)
युद्ध पीड़ितों के लिए व्यक्त की चिंता
UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि यूक्रेन में जारी हालातों को लेकर भारत चिंतित है. भारत के प्रधानमंत्री पहले भी बातचीत के जरिए मसला सुलझाने की वकालत की है. हम मानते हैं कि बातचीत के जरिए ही इस मसले को हल किया जा सकता है. भारत के साथ ही सभी देश जंग के बीच आम नागरिकों की परेशानियों को लेकर चिंतित हैं. खासतौर पर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष चिंता है. हमारी सरकार ने युद्ध पीड़ितों के लिए तत्काल राहत सामग्री भेजने का फैसला लिया है. हम मेडिकल सप्लाई सहित कई राहत सामग्रियां भेज रहे हैं.
UNSC में भी वोटिंग से दूर रहा था भारत
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 26 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले को रोकने और सेना को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर मतदान हुआ था. इस दौरान भी भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था. तब रूस ने प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था. भारत के अलावा चीन और यूएई ने भी मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर हमले के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव के समर्थन में 15 में से 11 सदस्य देशों ने वोट किया था.