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उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15 सितंबर से दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है. इस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुवार शाम को समरकंद पहुंचने की उम्मीद है. इस दो दिवसीय कार्यक्रम पर पश्चिमी देशों की पूरी नजर रहेगी. ईरान के इस समूह में शामिल होने से इसे पश्चिम विरोधी (Anti West) संगठन के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, अभी ईरान इस संगठन में आधिकारिक तौर पर जुड़ नहीं पाया है. इस संगठन में रूस, चीन, भारत जैसे महत्वपूर्ण देश पहले से ही शामिल हैं.
इस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समरकंद पहुंच गए हैं. यहां उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव ने उनका स्वागत किया.
मोदी की पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से मुलाकात
उज्बेकिस्तान में होने जा रहे एससीओ सम्मेलन में शिरकत करने के लिए 15 देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां पहुंच रहे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात होनी तय है.
एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
रूस के राष्ट्रपति पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने बताया कि पुतिन और मोदी के बीच एससीओ सम्मेलन में कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी, जिसमें रणनीतिक स्थिरता, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और संयुक्त राष्ट्र और जी-20 में रूस, भारत सहयोग पर चर्चा भी शामिल है.
इसके साथ ही ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से भी मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात होगी. इस बैठक पर भी सभी की नजरें रहने वाली हैं. ईरान इसे मध्य एशिया में अपनी भूमिका के एक नए चरण के तौर पर देख रहा है.
शी जिनपिंग, शहबाज शरीफ से द्विपक्षीय मुलाकात पर संशय
इसके अलावा मोदी की और भी द्विपक्षीय वार्ताएं हो सकती हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात को लेकर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. मोदी की तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन से मुलाकात करने की अटकलें हैं लेकिन अभी इसकी भी कोई पुष्टि नहीं हो सकी है.
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत की मेजबानी में नए समरकंद इंटरनेशनल टूरिस्ट सेंटर में विदेशी मेहमानों के लिए अनौपचारिक भोज की व्यवस्था की जाएगी. इसे विशेष तौर पर एससीओ समिट के लिए ही तैयार किया गया है.
एससीओ संगठन की स्थापना
दो सालों के कोविड-19 कहर के बाद यह एससीओ की पहली बैठक है. आखिरी बार एससीओ की बैठक 2019 में किर्गिस्तान में हुई थी. इससे पहले 2020 में वर्चुअली तरीके से और 2021 में हाइब्रिड मोड से यह बैठकें हुई थीं.
एससीओ संगठन की स्थापना जून 2001 में हुई थी लेकिन भारत और पाकिस्तान 2017 में इस संगठन के पूर्ण सदस्य बन गए थे.
एससीओ के आठ पूर्ण सदस्य हैं. जिनमें चीन, रूस, उज्बेकिस्तान, भारत, किर्गिस्तान, कजाकस्तान, ताजिकस्तान और पाकिस्तान हैं. वहीं, अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया इसके पर्यवेक्षक देश हैं जबकि कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका, तुर्की, अर्मेनिया और अजरबैजान डायलॉग पार्टनर्स हैं.