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अगर कनाडा लगाता है प्रतिबंध तो भारत इन 5 तरीकों से सिखा सकता है सबक

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संकट अब प्रतिबंधों तक जा पहुंचा है. कनाडा, भारत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है. अगर ऐसा होता है तो रिश्ते और बिगड़ सकते हैं. लेकिन कनाडा वाकई ऐसा करता है तो भारत क्या कर सकता है? जानते हैं...

भारत और कनाडा के बीच तनाव भारत और कनाडा के बीच तनाव
शिव अरूर
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 6:56 AM IST

खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा ने भारत पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाए हैं. कनाडा ने भारतीय राजनयिकों पर कनाडाई सरजमीं पर आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का इल्जाम लगाया है. इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते और भी तल्ख हो गए हैं.

भारत ने कनाडा में अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत कई राजनयिकों को वापस बुला लिया है. साथ ही कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक भारत छोड़ने को भी कह दिया है.

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हालांकि, अभी भी बहुत कुछ हैं जो भारत और कनाडा के रिश्तों को बद से बदतर बना सकता है. माना जा रहा है कि कनाडा, भारत पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है. ये पूछे जाने पर कि क्या कनाडा प्रतिबंध लगाने पर विचार करेगा, इस पर कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने कहा कि सबकुछ बातचीत की टेबल पर है. 

अगर कनाडा वाकई भारत पर प्रतिबंध लगाता है तो ऐसे में भारत उसे चोट पहुंचाने के लिए क्या-क्या कर सकता है? इंडिया टुडे टीवी के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर शिव अरूर बताते हैं कि भारत चाहे तो कनाडा के वित्तीय संस्थानों और पेंशन फंड्स को भारत में निवेश करने पर रोक लगा सकता है. इसके अलावा भारत और क्या-क्या कर सकता है? जानते हैं...

इन 5 तरीकों से कनाडा को दे सकता है तगड़ा जवाब

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1. मौजूदा समय में लगभग सवा लाख भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई करते हैं. अगर भारत ने इन छात्रों को कनाडा में पढ़ने से रोक दिया, तो निश्चित तौर पर इससे कनाडाई अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा. क्योंकि हर साल भारतीय छात्रों से कनाडा को अरबों रुपयों की फीस मिलती है.

2. भारत खालिस्तान समर्थकों के प्रति सहानुभूति रखने वाले भारतीय मूल के नागरिकों के ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया यानी ओसीआई कार्ड को रद्द कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो ऐसे भारतीय मूल के नागरिकों को खालिस्तानियों के प्रति सहानूभूति रखने के अपने फैसले पर दोबारा सोचना पड़ सकता है.

3. खालिस्तान और खालिस्तानियों के समर्थकों के खिलाफ भारत एक कदम ये भी उठा सकता है कि वो उनके संपत्ति के अधिकार को निलंबित कर दे. इसके अलावा ऐसे लोगों को वीजा देने में देरी करे या फिर उनके खिलाफ जांच शुरू कर दे.

4. भारत चाहे तो कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के संदिग्ध खालिस्तान समर्थकों के लिए मल्टीपल-एंट्री वीजा पर रोक लगा सकता है, जिससे कनाडाई-भारतीय समुदाय में हलचल पैदा हो सकती है, जो कनाडा की राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं.

5. इसके अलावा, भारत जैसे का तैसा भी कर सकता है. कनाडा व्यापारिक प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है. भारत भी ऐसा कर सकता है और अगर ऐसा होता है तो इससे कनाडा को ही ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा. वो इसलिए, क्योंकि कनाडा, भारत का टॉप-10 ट्रेडिंग पार्टनर है. कनाडा की अर्थव्यवस्था भारत पर ज्यादा निर्भर है.

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भारत-कनाडा के रिश्ते क्यों बिगड़े?

पूरा मामला खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ा है. निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा है, जबकि वो कनाडा का नागरिक था. पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में गुरुद्वारे के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी.

पिछले साल 18 सितंबर को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था.

हालांकि, भारत ने हमेशा से ही कनाडा के इन बेतुका और बेबुनियाद बताते हुए खारिज किया है. सोमवार को जब कनाडाई पुलिस ने भारतीय राजनयिक और कॉन्सुलर अधिकार सीधे तौर पर या एजेंटों के जरिए जानकारी जुटाने के लिए अपने पद का फायदा उठाते हैं. इसका मतलब हुआ कि कनाडा ने सीधे-सीधे भारतीय राजनयिकों को कटघरे में खड़ा कर दिया. बाद में ट्रूडो ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन्हीं आरोपों को दोहराया.

हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे खारिज किया और साफ कहा कि ट्रूडो ऐसा वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रहे हैं. कनाडा के इन आरोपों के बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को भी वापस बुला लिया. भारत ने साफ कहा कि अब उन्हें कनाडा की मौजूदा सरकार पर भरोसा नहीं है.

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