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'आज हमने सिर्फ भारत के डिप्लोमैट को देश से निकाला है, लेकिन...', कनाडा ने ऐसा क्यों कहा?

कनाडा में लगातार बढ़ रही भारत विरोधी गतिविधियों के कारण दोनों देशों के बीच रिश्ते पिछले कुछ समय से ठीक नहीं हैं. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह हत्याकांड में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए कनाडा ने सोमवार को भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया था. जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने भी आज यानी मंगलवार को कनाडा के एक सीनियर डिप्लोमेट को निष्कासित कर दिया है.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फाइल फोटो-रॉयटर्स) कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (फाइल फोटो-रॉयटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए कनाडा ने भारत के एक टॉप डिप्लोमैट को निष्कासित करते हुए देश छोड़ने का आदेश दिया है. भारत सरकार ने कनाडा के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है. 

कनाडा की ओर से की गई कार्रवाई का जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक सीनियर डिप्लोमेट को निष्कासित कर दिया है और पांच दिन के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा है. 

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जून 2023 में कनाडा के सर्रे शहर में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हरदीप सिंह निज्जर को भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने भगोड़ा और आतंकवादी घोषित कर रखा था. इसके अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. 

हमारी संप्रुभता का उल्लंघनः जस्टिन ट्रूडो

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को कनाडा की संसद (हाउस ऑफ कामंस) में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत सरकार की संलिप्तता पर सवाल उठाते हुए कहा, "कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच की कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही है. कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी अन्य देश या विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह हमारी संप्रुभता का उल्लंघन है. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है."

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आज हम सिर्फ निष्कासित कर रहे हैं, लेकिन...: कनाडा की विदेश मंत्री

जस्टिन ट्रूडो की ओर से भारत पर लगाए गए आरोप के बाद कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि भारत के एक शीर्ष डिप्लोमेट को निष्कासित कर दिया गया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, "आज हम कार्रवाई के रूप में भारत के एक प्रमुख राजनयिक को निष्कासित कर रहे हैं, लेकिन हम इसकी तह तक जाएंगे. अगर यह सब सच साबित होता है तो यह हमारी संप्रभुता और एक दूसरे के साथ पेश आने के बुनियादी नियम का बड़ा उल्लंघन होगा."

जोली ने कहा कि हम हर समय कनाडा के नागरिकों और हम कनाडा की संप्रुभता की रक्षा करेंगे. हमने भारत सरकार के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया है. और हमने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वो इस मामले की तह तक जाने में कनाडा के साथ सहयोग करें.

हालांकि, अभी तक कनाडा सरकार ने निज्जर हत्याकांड में भारत का हाथ होने के अपने दावे के पक्ष में किसी भी सबूत को सार्वजनिक नहीं किया है. कनाडाई विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत के जिस सीनियर डिप्लोमेट को निष्कासित किया गया है उनका नाम पवन कुमार राय है. वह कनाडा में भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे.

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संसद सत्र से ध्यान भटकाना है मकसद?

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानियों ने कनाडा में भारत के राजनयिकों के खिलाफ धमकी भरे पोस्टर जारी किए थे. जिसके बाद भारत सरकार ने ट्रूडो सरकार ने राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी. कनाडा ने भी वियना कन्वेंशन के तहत इस मांग पर विचार कर रहा था. लेकिन दो महीने बाद हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को कनाडा के प्रधानमंत्री ने एक बार फिर लाइमलाइट में ला दिया है.

राजनीतिक विशेषज्ञ और कनाडा के कुछ लोगों ने इसे ध्यान भटकाने वाला कदम बताया है. विशेषज्ञों का कहना है कि कनाडा के प्रधानमंत्री को संसद के कठिन सत्र का सामना करना पड़ रहा है. विपक्षी नेता पियरे पोइलिव्रे पहले से ही ट्रूडो पर आक्रामक हैं. देश में लगातार बढ़ रही खाद्य महंगाई और आवास संकट के कारण ट्रूडो की लोकप्रियता कम हो रही है. ऐसे में वो इस मुद्दे की मदद से संसद सत्र से लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं.

वोट बैंक की राजनीति

कनाडा की राजनीति में सिख वोट बैंक काफी मायने रखता है. ट्रूडो की लिबरल पार्टी के अलावा कंजर्वेटिव पार्टी और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी में भी बड़े-बड़े सिख नेता हैं. न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ही जगमीत सिंह की है. रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में भारतीय मूल के 24 लाख लोग हैं. इनमें से करीब 7 लाख सिर्फ सिख हैं. कनाडा में सिखों की जनसंख्या ग्रेटर टोरंटो, वैंकूवर, एडमोंटन, ब्रिटिश कोलंबिया और कैलगरी में है. चुनाव के दौरान ये हमेशा बड़े वोट बैंक की तरह देखे जाते हैं. यहां तक कि वहां के मेनिफेस्टो में भी सिख कम्युनिटी को लेकर जमकर बात होती है.

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