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भारत-PAK के बीच समिट कराना चाहता है चीन, कहा- एक और डोकलाम नहीं चाहते

चीनी एंबेसडर ने सोमवार को बयान दिया कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान शंघाई कॉरपोर्शन ऑर्गनाइजेशन (SCO) का हिस्सा बने हैं ऐसे में ये मंच भारत और पाकिस्तान को करीब लाने में मदद कर सकता है.

नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग (फाइल) नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग (फाइल)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST

कई मौकों पर पाकिस्तान का बचाव करने वाले चीन ने अब भारत-पाकिस्तान की दोस्ती करवाने का बीड़ा उठाया है. चीन की ओर से पेशकश की गई है कि चीन-भारत-पाकिस्तान की त्रिपक्षीय समिट का आयोजन होना चाहिए. चीनी एंबेसडर ने सोमवार को बयान दिया कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान शंघाई कॉरपोर्शन ऑर्गनाइजेशन (SCO) का हिस्सा बने हैं ऐसे में ये मंच भारत और पाकिस्तान को करीब लाने में मदद कर सकता है.

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भारत और चीन के रिश्तों पर चीनी एंबेसडर Luo Zhaohui ने कहा कि भारत और चीन पड़ोसी हैं इसलिए दोनों में दोस्ती होना जरूरी है. भारत को चीन के साथ दोस्ती की 10 साल की एक संधि करनी चाहिए और हमने इसके लिए नई दिल्ली को एक ड्राफ्ट भी सौंपा है. उन्होंने कहा कि हम लोग एक और डोकलाम जैसी स्थिति नहीं देख सकते हैं.

गौरतलब है कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बार चीन का दौरा किया है. पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ इन्फॉर्मल समिट और दूसरा एससीओ समिट. इसी के बाद ही दोनों देशों के संबंधों को वापस पटरी पर लाना शुरू किया गया है.

चीनी एंबेसडर ने कहा है कि इसी साल बीजिंग में दोनों देशों के बीच बॉर्डर को लेकर वार्ता होगी. वहीं दोनों देशों के विदेश मंत्री जल्द ही मुलाकात भी कर सकते हैं. इसके अलावा रक्षा मंत्रियों की भी मुलाकात होनी है.

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चीनी एंबेसडर ने गिनाया क्यों भारत-चीन की दोस्ती जरूरी

- हम दो अहम पड़ोसी जो एक-दूसरे से दूर नहीं भाग सकते.

- हमारे बीच बॉर्डर को लेकर विवाद, दोस्ती से ही दूर हो सकता है.

- कुछ शक्तियों की ताकतों का हमें सामना करना है.

- हमारे पास बेस्ट हार्डवेयर और आपके पास बेस्ट सॉफ्टवेयर

भारत-चीन के रिश्तों को आगे बढ़ाएंगे ये 5C

Communication

Cooperation

Contacts

Coordination

Control

उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति में शी जिनपिंग की नीति की झलक दिखती है. हमें दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों का संबंध, बड़े अधिकारियों के संबंध को बढ़ाना चाहिए. हम आगे भी भारतीय यात्रियों को कैलाश मानसरोवर आने के लिए हर संभव सहायता करेंगे.

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