
ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमेन ने कहा था कि ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों और वीजा से अधिक समय बिताने वाले लोगों की संख्या में भारतीय सबसे ज्यादा हैं. उन्होंने ब्रिटेन और भारत के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते को लेकर कड़ा विरोध किया था. इस मुक्त व्यापार समझौते के तहत कोई भी भारतीय कामगार या छात्र को ब्रिटेन जाने में सहूलियत होगी. अब भारत सरकार ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि माइग्रेशन को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है. इन मुद्दों पर अभी टिप्पणी करना उचित नहीं है.
क्या कहा था ब्रेवरमेन ने
ब्रिटिश मैगजीन द स्पेक्टेटर को दिए एक इंटरव्यू में ब्रेवरमेन ने कहा था कि मैं भारतीयों के लिए ब्रिटेन की सीमा खोलने वाली इस नीति को लेकर काफी चिंतित हूं. भारतीय प्रवासी ब्रिटेन में अपनी वीजा अवधि से ज्यादा समय बिताते हैं. गृह मंत्री ने पिछले साल पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल के द्वारा किए गए प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी (एमएमपी) समझौते की भी आोलचना की थी. उन्होंने दावा किया कि इससे देश में अवैध प्रवासियों और वीजा से अधिक समय बिताने वाले लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. ब्रेवरमेन ने यहां तक कह दिया कि मुझे नहीं लगता लोगों ने इसलिए ब्रेग्जिट के लिए वोट किया था.
भारत ने दिया जवाब
भारतीय उच्चायोग ने बयान जारी करते हुए कहा है कि एमएमपी समझौते के तहत सरकार उन सभी भारतीय नागरिकों को वापस लाने को लेकर प्रतिबद्ध है जिनकी वीजा अवधि समाप्त हो चुकी है. बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय द्वारा साझा किए आंकड़ों को लेकर उच्चायोग ने अपने स्तरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. एमएमपी प्रोटोकॉल के तहत ब्रिटेन द्वारा किए गए वादों को लेकर भी हम प्रतीक्षा कर रहे हैं.
भविष्य में कोई भी समझौता पारस्परिक लाभों को देखते हुए होगा
गृह मंत्री ब्रेवरमेन द्वारा वीजा संबंधित मुक्त व्यापार समझौते पर किए गए विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर उच्चायोग ने कहा है कि जब वीजा और प्रवास से संबंधित मुद्दों पर बातचीत चल रही है, उस वक्त इन मामलों पर टिप्पणी करना उचित नहीं है. उच्चायोग ने यह भी कहा कि भविष्य में कोई भी समझौता दोनों तरफ के लाभों को देखते हुए होगा.
क्या है मुक्त व्यापार समझौता (FTA)
भारत सरकार लंबे समय से ब्रिटेन की सरकार से मांग कर रही है कि भारत के कामगारों और छात्रों के लिए वीजा की संख्या बढ़ाई जाए. अगर मुक्त व्यापार समझौते (FTA) होता है तो इससे ब्रिटेन में भारतीयों की एंट्री आसान हो सकती है. भारतीय छात्रों और कामगारों की सुविधाएं हमेशा भारत के लिए व्यापार समझौते का एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है.