
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर वार्ता की. India-Denmark Summit में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कई महीनों की घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारे जैसे समान सोच वाले देशों का साथ मिलकर काम करना कितना जरूरी है. वैक्सीन डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी इससे मदद मिलेगी.
पीएम ने कहा कि इस महामारी के दौरान भारत की उत्पादन क्षमताएं विश्व के लिए उपयोगी रही हैं. हम यही प्रयास वैक्सीन डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी कर रहे हैं. हमारे आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी यही प्रयास है कि प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में भारत की क्षमताएं बढ़ें और वे विश्व के भी काम आएं. इस अभियान में हम ऑलराउंड रिफॉर्म पर जोर दे रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में काम करने वाली कंपनियों को इसका लाभ मिलेगा. कई क्षेत्रों में रिफॉर्म की प्रक्रिया जारी है. हाल ही में कृषि और लेबर सेक्टर में महत्वपूर्ण रिफॉर्म किए गए हैं. पीएम ने कहा कि कोविड-19 ने दिखाया है कि ग्लोबल सप्लाई चेन का किसी भी सिंगल सोर्स पर निर्भर होना कितना रिस्की होता है. हम जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं. समान सोच के अन्य देश भी इसमें शामिल हो सकते हैं.
200 डेनिश कंपनियों ने निवेश किया
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत और डेनमार्क के बीच वस्तु और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 2016 और 2019 के बीच 30.49 प्रतिशत बढ़ा और यह 2.82 अरब डॉलर से 3.68 अरब डॉलर हो गया है. भारत में लगभग 200 डेनिश कंपनियों ने निवेश किया है जबकि डेनमार्क में 25 भारतीय कंपनियां आईटी, अक्षय ऊर्जा और इंजीनियरिंग क्षेत्र में कार्यरत हैं.