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श्रीलंका में चीन से निपटने को भारत ने लगाया बड़ा दांव, OBOR को मिलेगी चुनौती

चीन ने श्रीलंका के इस क्षेत्र में भारी भरकम निवेश भी कर रखा है, लेकिन भारत ने अब उसके मंसूबों पर पानी फेरना शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि श्रीलंका के हंबनटोटा से सटे मत्ताला एयरपोर्ट का संचालन जल्द ही भारत अपने हाथ में ले लेगा.

श्रीलंका में चीन से निपटने को भारत ने लगाया बड़ा दांव श्रीलंका में चीन से निपटने को भारत ने लगाया बड़ा दांव
राम कृष्ण
  • कोलंबो,
  • 13 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 6:08 PM IST

सिक्किम और डोकलाम में पस्त करने के बाद अब भारत ने श्रीलंका में भी चीन से निपटने की तैयारी कर ली है. भारत जल्द से जल्द श्रीलंका के हंबनटोटा एयरपोर्ट का संचालन अपने हाथ में लेने की कोशिश में है, जहां पर चीन ने वन बेल्ट वन रोड परियोजना के तहत भारी निवेश कर रखा है.

इसे भारत को घेरने की चीन की कोशिश को तगड़ा झटका माना जा रहा है. चीन ने श्रीलंका के इस क्षेत्र में भारी भरकम निवेश भी कर रखा है, लेकिन भारत ने अब उसके मंसूबों पर पानी फेरना शुरू कर दिया है.

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माना जा रहा है कि श्रीलंका के हंबनटोटा से सटे मत्ताला एयरपोर्ट का संचालन जल्द ही भारत अपने हाथ में ले लेगा. इससे चीन की चिंता बढ़ना लाजमी है. दरअसल, हंबनटोटा बंदरगाह में चीन ने वन बेल्ट वन रोड परियोजना के तहत भारी निवेश कर रखा है. यहां पर चीन ने समुद्री बंदरगाह बना रखा है और निवेश जोन बनाने में जुटा हुआ है.

इससे पहले स्थानीय जनता के विरोध को देखते हुए श्रीलंका सरकार ने चीन को तगड़ा झटका दिया था. श्रीलंका ने हंबनटोटा बंदरगाह के संचालन पर चीन की भूमिका को सीमित कर दिया था. इसके साथ ही चीन के इस बंदरगाह के सैन्य इस्तेमाल करने पर भी रोक लग गई थी. श्रीलंका के इस कदम को भारत के साथ ही जापान और अमेरिका के हित में माना गया था.

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भारत ने श्रीलंका को दिया प्रस्ताव

श्रीलंका के नागरिक उड्डयन मंत्री निमल सिरिपाला ने कहा कि हम हंबनटोटा इलाके में वैकल्पिक निवेशकों की तलाश में हैं. इस बाबत भारत की ओर से प्रस्ताव आया है. उन्होंने कहा कि भारत हंबनटोटा में एयरपोर्ट एंड एविएशन सर्विसेज लिमिटेड के साथ संयुक्त उपक्रम के लिए तैयार है.

दुनिया के सबसे ज्यादा व्यस्त जलमार्गों में से एक है हंबनटोटा

हंबनटोटो इलाका दुनिया के सबसे ज्यादा व्यस्त जलमार्गों में से एक है, जहां पर चीन ने काफी निवेश कर रखा है. यह चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना का अहम हिस्सा है. चीन इसके जरिए एशिया और यूरोप को सड़क व जल परिवहन का जाल बिछाना चाहता है. श्रीलंका ने चीन को हंबनटोटा बंदरगाह 99 साल के लिए लीज पर देने का करार किया है.

रिफाइनरी स्थापित करने की भी जुगत में चीन

चीन हंबनटोटा इलाके में 15 हजार एकड़ जमीन पर रिफाइनरी स्थापित करने की योजना में है. माना जा रहा है कि यह श्रीलंका की सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी. श्रीलंका में सभी चीनी प्रोजेक्टों को चीन की सरकार बाकायदा ऋण उपलब्ध करा रही है. हालांकि चीन के निवेश का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.

भारत की ओर से नहीं आई प्रतिक्रिया

सिरिपाला और भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक भारत ने हंबनटोटा बंदरगाह से सटे मत्ताला एयरपोर्ट के प्रबंधन और संचालन के लिए संयुक्त उपक्रम स्थापित करने की पेशकश की है. हालांकि अभी तक भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से इस करार को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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मत्ताला एयरपोर्ट में 70 फीसदी निवेश करेगा भारत

श्रीलंकाई कैबिनेट के दस्तावेजों का विश्लेषण करने पर पता चला है कि इस बंदरगाह में शुरुआत में 29.3 करोड़ डॉलर का निवेश किया जाएगा, जिसमें से 70 फीसदी हिस्सा भारत उपलब्ध कराया गया. इसके एवज में बंदरगाह का संचालन 40 साल के लीज पर भारत को दिया जाएगा.

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