
हमास और इजरायल के बीच पिछले 25 दिनों से खूनी जंग जारी है. कई अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अरब देशों की ओर से सीजफायर के आह्वान के बाद भी इजरायल लगातार गाजा पट्टी में बम बरसा रहा है. इसी बीच अरब देश ईरान ने एक बड़ा बयान दिया है. भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा है कि गाजा में जारी हिंसात्मक कार्रवाई को भारत रोक सकता है.
इराज इलाही ने एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा, "ग्लोबल साउथ के लीडर के तौर पर भारत गाजा में चल रहे संघर्ष को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. हमें उम्मीद है कि भारत गाजा की वर्तमान स्थिति को नजरअंदाज नहीं करेगा. इजरायल और हमास के बीच जारी मौजूदा संघर्ष को खत्म कराने में भारत महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता रखता है."
भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने आगे कहा, "भारत हमेशा से वैश्विक मंचों पर नैतिकता और मानवता के साथ खड़ा रहा है. महात्मा गांधी के नैतिक विचारों और फिलिस्तीन को लेकर दिया गया उनका बयान कौन भूल सकता है. इन सिद्धातों ने ही भारत को ग्लोबल साउथ की एक प्रमुख आवाज के रूप में उभरने का मार्ग दिया है. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है कि भारत के पास नैतिक साहस को कायम रखने और ह्यूमन स्पिरिट को बरकरार रखने का एक लंबा इतिहास है."
इजरायल और हमास में जारी जंग को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "मेरा पूर्ण विश्वास है कि गाजा में चल रहे नरसंहार पर भारत आंखें नहीं मूंदेगा. सच यह है कि भारत के पास यह इस संघर्ष को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता है."
इजरायल पर हमास के हमले में ईरान का कोई हाथ नहींः इलाही
इंटरव्यू के दौरान ईरानी राजदूत ने क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने के लिए बाहरी शक्तियों (देशों) के साथ काम करने के बजाय पड़ोसी अरब देशों के साथ काम करने का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि इतिहास से सबक लेते हुए हम बाहरी हस्तक्षेप के बजाय क्षेत्रीय एकजुटता और भाईचारे को बढ़ावा देने के महत्व को समझते हैं.
इलाही ने आगे कहा कि हमारा विश्वास है कि सभी देशों को फिलिस्तीनियों के खिलाफ जारी संघर्ष को समाप्त करने की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले में ईरान का हाथ होने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
चाबहार पोर्ट को लेकर कही ये बात
ईरानी राजदूत ने इस दौरान दक्षिण ईरान में बन रहे भारत के महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक चाबहार पोर्ट को लेकर पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह से संबंधित मुद्दों को हल करने के कदम में भारत और ईरान ने काफी प्रगति की है. अगले कदम के रूप में इस अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया गया है.
चाबहार बंदरगाह को लेकर भारत ने हाल ही में मुंबई में एक बैठक आयोजित की थी. इस बैठक में ईरान, अर्मेनिया समेत मध्य एशियाई देशों ने भी हिस्सा लिया था.
25 दिनों से खूनी जंग जारी
7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी संगठन हमास द्वारा इजरायल पर किए गए रॉकेट हमले के बाद से ही हमास और इजरायल के बीच खूनी जंग जारी है. 'युद्ध की स्थिति की घोषणा' कर इजरायल हमास के खिलाफ ऑपरेशन 'आयरन स्वोर्ड्स' चला रहा है. इजरायली सेना गाजा पट्टी और हमास के ठिकानों पर लगातार बम बरसा रही है.
क्या है ग्लोबल साउथ?
आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर दुनिया को दो हिस्सों में बांटा गया है. एक है- ग्लोबल नॉर्थ और दूसरा- ग्लोबल साउथ. ग्लोबल नॉर्थ में अमेरिका, जापान, कोरिया, यूरोपीय देश जैसे दुनिया के विकसित और समृद्ध देश शामिल हैं. वहीं, ग्लोबल साउथ में आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर कम विकसित या विकासशील देश हैं. इसमें लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया के देश हैं.
ग्लोबल साउथ में लगभग 100 देश आते हैं. इस साल 12-13 जनवरी को भारत ने 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' नाम से वर्चुअल समिट आयोजित की थी.