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भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर इस वजह से दुनिया में है चिंता

आतंकी हमले और उसके बाद जवाबी कार्रवाई की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच चरम पर पहुंच चुका तनाव अब अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप से कुछ कम होता दिख रहा है. इस तनाव की वजह से दुनिया भर में चिंता बढ़ रही थी.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

परमाणु हथियार रखने वाले दो पड़ोसी देश भारत और पाकिस्तान में पिछले दो दिनों में आतंकवाद को लेकर अपने सबसे तनावपूर्ण दौर से गुजरे हैं. भारत ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान की जमीन पर पलने वाले जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डों को नष्ट किया है. दूसरी तरफ, अपनी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान का दावा है कि उसने भारत के दो विमान मार गिराए हैं और एक भारतीय पायलट उसके कब्जे में है. बुधवार को जब पाकिस्तानी विमान भारतीय सीमा में घुस आए तो भारतीय वायु सेना ने तत्काल इसका कड़ा जवाब दिया और एक पाकिस्तानी विमान को मार गिराया. दोनों देशों के बीच चरम पर पहुंच चुका तनाव अब अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप से कुछ कम होता दिख रहा है.

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भारत जवाबी कार्रवाई की रणनीति बना रहा था, इससे डरे पाकिस्तान में सिविल एयरपोर्ट्स को बंद कर दिया गया और कई शहरों में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए थे. इसकी वजह से दुनिया भर में चिंता बढ़ रही थी. सवाल यह उठता है कि दोनों देशों के रिश्तों में इतनी खटास कैसे आई और तनाव इतना ज्यादा कैसे बढ़ गया? इसकी क्या पृष्ठभूमि है और किसकी गलती से रिश्ते इतने खराब हुए? आइए जानते हैं...

मौजूदा तनाव किस वजह से शुरू हुआ

गत 14 फरवरी को एक फिदायीन आतंकी हमलावर ने कश्मीर के श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिससे 40 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान से सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. फिदायीन हमलावर कश्मीर का ही रहने वाला एक युवक था, जिसे पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया था. भारत सरकार लंबे समय से यह आरोप लगाती रही है कि पाकिस्तान ऐसे आतंकी संगठनों को अपनी जमीन पर पलने का पूरा मौका दे रहा है, लेकिन पाकिस्तान इससे इंकार करता रहा है. भारत ने इसके जवाब में मंगलवार को पाकिस्तान की जमीन पर एक एयरस्ट्राइक किया जिसे पाकिस्तान के आतंकी शिविरों के खिलाफ प्री-एम्प्टिव यानी रक्षात्मक पूर्व कार्रवाई बताया गया. भारत ने कहा कि उसके इस हमले में सैकड़ों आतंकी मारे गए हैं, जबकि पाकिस्तान का दावा था कि भारतीय विमानों ने 'जल्दबाजी' में यह कार्रवाई की है और इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है.

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यह तनाव खतरनाक क्यों है?  

भारत और पाकिस्तान के पास सैकड़ों परमाणु हथियार हैं और दोनों ने कई बार परमाणु परीक्षण किए हैं. दोनों देशों ने परमाणु क्षमता वाले मिसाइलों का परीक्षण किया है. भारत ने यह स्वीकार किया है कि वह पहले परमाणु हथियार नहीं इस्तेमाल करेगा, लेकिन पाकिस्तान ऐसे किसी वायदे से बचता रहा है. कहा जाता है कि पाकिस्तान ने अगर कोई मिसाइल फायर किया तो उसे भारत में पहुंचने में सिर्फ चार मिनट लगेंगे. यही स्थ‍िति भारत की तरफ से पाकिस्तान की ओर छोड़े जाने वाले मिसाइलों की भी होगी. द बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट ने चेतावनी दी है कि भारत या पाकिस्तान में किसी भी एक बड़े शहर पर यदि एक भी परमाणु हमला हुआ तो उसके परिणाम बहुत भयावह होंगे.

कैसे शुरू हुआ कश्मीर विवाद?

साल 1947 में जब ब्रिटेन ने इस इलाके को आजादी दी तो उसने भारतीय महाद्वीप को दो देशों में बांट दिया. हिंदू बहुल देश भारत और लगभग पूरी तरह मुस्लिम जनसंख्या वाला देश पाकिस्तान बन गया. भारत में 500 से ज्यादा देसी रियासतों का विलय हुआ. लेकिन कश्मीर एक ऐसा मुस्लिम बहुल इलाका था, जिसके शासक हिंदू थे. कश्मीर के हिंदू राजा ने यह तय किया कि वह भारत के साथ जाएंगे. इस पर विवाद हुआ और इसकी वजह से भारत-पाकिस्तान के बीच 1947 में पहली जंग हुई. 1949 में संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव के द्वारा दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य बनाए गए और नियंत्रण रेखा पर दोनों सेनाएं डट गईं. इसके बाद 1965 में कश्मीर को लेकर फिर एक जंग हुई.

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इसके बाद क्या हुआ

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में तीसरा युद्ध हुआ और पूर्वी पाकिस्तान अलग होकर बांग्लादेश बन गया. इसके बाद 1999-2000 में पाकिस्तानी सेना-आतंकियों ने करगिल में घुसपैठ किया, जिसके बाद दोनों देशों में फिर एक टकराव हुआ. लेकिन यह बड़ी जंग या परमाणु हमले में बदले, इससे पहले ही मामला शांत हो गया.

भारत और पाकिस्तान की सेना में ये है अंतर

भारत में करीब 130 करोड़ लोग रहते हैं. भारत के पास करीब 14 लाख सैनिकों की बड़ी फौज है. दूसरी तरफ, पाकिस्तान की जनसंख्या करीब 20 करोड़ है और उसके पास 6.5 लाख सैनिक हैं. दोनों देशों ने परंपरागत हथियारों पर अरबों डॉलर का निवेश किया है. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रे‍टेजिक स्टडीज के अनुसार, पिछले साल पाकिस्तान ने 11 अरब डॉलर या अपने जीडीपी का करीब 3.6 फीसदी राशि प्रतिरक्षा पर खर्च की है. इसी तरह, भारत ने प्रतिरक्षा पर 58 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.1 फीसदी हिस्सा खर्च किया है.

दोनों देशों में बढ़ रहा था जन दबाव

पाकिस्तान में सेना काफी प्रभावी भूमिका में रहती है. हालांकि, इस बार पूरे मामले में राजनेताओं ने ही प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार के एयरस्ट्राइक के बाद भारत को हमलावर बताते हुए कहा था कि उसे इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा. कुरैशी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि वह चुनावों में फायदे के लिए क्षेत्रीय स्थ‍िरता से खेल रहे हैं. पाकिस्तान में जगह-जगह भारत विरोधी प्रदर्शन हुए और वहां की मीडिया में जमकर भारत के खिलाफ माहौल बनाया गया.

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भारत ने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए मंगलवार को पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक किया. इसके जवाब में जब पाकिस्तान ने भी अपने विमान भारतीय सीमा में घुसा दिए तो देश भर में पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त माहौल बन गया. एक बार फिर पाकिस्तान से बदला लेने के लिए भारी जन दबाव बनने लगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा, 'सत्य और अहिंसा तो ठीक है, लेकिन दुनिया को भारत की ताकत को समझाना होगा.'  

इससे दोनों देश एक बड़े जंग के मुहाने पर आ गए और पूरी दुनिया में इसको लेकर चिंता बढ़ने लगी. दुनिया के बड़े देश यह नहीं चाहते हैं कि परमाणु संपन्न दो देशों में जंग शुरू हो, क्योंकि एक बार ऐसा शुरू हो गया तो इसका अंत बड़ा भयावह होता. यही नहीं, पूरी दुनिया की स्थ‍िरता के लिए बड़ा खतरा बन जाता. हाल में बड़ी आर्थि‍क मंदी झेल चुके दुनिया के बड़े देश फिर ऐसे किसी संकट में नहीं फंसना चाहते हैं.

(समाचार एजेंसी एपी के इनपुट पर आधारित)

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