
भारत और पाकिस्तान, साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन (SAARC) मंत्रिपरिषद की वर्चुअल बैठक में एक साथ हिस्सा लेंगे. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने इस बात की पुष्टि की है. SAARC के विदेश मंत्रियों की बैठक 24 सितंबर को होने वाली है. इस बैठक में SAARC सदस्य देशों के बीच एक सकारात्मक समझ विकसित करने और साल 2016 से बंद हुई बातचीत को एक बार फिर से बहाल करने की कोशिश होगी.
बता दें कि साल 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद इस्लामाबाद (पाकिस्तान) में प्रस्तावित SAARC के 19वें सम्मेलन को रद्द कर दिया गया था. तब से SAARC के किसी सम्मेलन का आयोजन नहीं किया गया है.
अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SAARC देशों के साथ इस पर चर्चा की थी, लेकिन इस चर्चा में पाकिस्तान शामिल नहीं हुआ, क्योंकि यह कार्यक्रम भारत द्वारा होस्ट किया गया था.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान SAARC का अहम हिस्सा रहा है, कोरोना वायरस जैसी मुश्किल की घड़ी में इस संगठन को एक साथ लड़ाई लड़नी चाहिए. बुधवार को जो चर्चा हुई, उसमें सार्क सेक्रेटरिएट की ओर से कोई शामिल नहीं था यही कारण रहा कि पाकिस्तान इसका हिस्सा नहीं बना.’
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा कि इस चर्चा को एक देश (भारत) के द्वारा आयोजित किया गया था.
बता दें, SAARC की स्थापना 8 दिसंबर, 1985 को ढाका में हुई थी. सार्क की स्थापना के समय इस संगठन में क्षेत्र के 7 देश (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव और श्रीलंका) शामिल हुए थे. हालांकि साल 2007 में अफगानिस्तान भी इस संगठन में शामिल हो गया था.