
भारत और पाकिस्तान के बीच के विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मध्यस्थता की पेशकश की खबरों को भारत ने झूठ करार दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि रूस ने भारत के सामने मध्यस्थता की कोई पेशकश नहीं की है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस मामले पर संवाददाताओं से कहा, पाकिस्तान के साथ तमाम लंबित मामलों को आतंक मुक्त माहौल में सुलझाने के भारत के रुख से रूस पूरी तरह से वाकिफ हैं.'
नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में एक वरिष्ठ राजनयिक ने भी इन खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि यह पाकिस्तान की अपनी उम्मीदों के हिसाब से सोची गई बात है. पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा था, 'हम यूएनएससी एजेंडा पर लंबित इस मुद्दे में भूमिका निभाने के लिए यूएनएससी के स्थाई सदस्य रूस के ध्यान देने और उसके इरादे का स्वागत करते हैं.'
जकारिया से साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान इन खबरों के बारे में पूछा गया था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में एससीओ सम्मेलन से इतर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात में भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों के समाधान के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी.
इस बारे में जब प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया तो बागले ने कहा, रूस ने भारत को मध्यस्थता की कोई पेशकश नहीं की है. पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों को आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने के भारत के सतत रुख से रूस भलीभांति अवगत है.
वहीं रूसी दूतावास में एक वरिष्ठ राजनयिक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, हमारे पास हमारे राष्ट्रपति द्वारा इस तरह का कोई प्रस्ताव दिए जाने की कोई जानकारी नहीं है. रूस का रुख साफ है कि भारत-पाक के मुद्दे द्विपक्षीय तरीके से सुलझाए जाने चाहिए और हम कभी इसके विपरीत कोई सुझाव नहीं देंगे. उन्होंने कहा, यह पाकिस्तान की उसकी उम्मीद के हिसाब से सोची गई बात लगती है.