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PM मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले न्यूयॉर्क में भारत विरोधी कृत्य, स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ और नारे लिखे गए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे से ठीक पहले न्यूयॉर्क के BAPS स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ और भारत विरोधी नारे लिखे जाने का मामला सामने आया है. इस मुद्दे पर भारतीय वाणिज्य दूतावास ने बयान जारी किया है और आपत्ति जताई है. भारत ने कहा, वो स्थानीय समुदाय के संपर्क में है और अमेरिकी लॉ एनफोर्समेंट अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया है ताकि इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.

स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ का हिंदू संगठनों ने किया विरोध. स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ का हिंदू संगठनों ने किया विरोध.
aajtak.in
  • वाशिंगटन,
  • 17 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:14 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा से पहले न्यूयॉर्क में BAPS स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ और भारत विरोधी नारे लिखे जाने का मामला सामने आया है. घटना मेलविले की है. इस मामले में भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है और इस घटना की निंदा की है. भारत ने जघन्य कृत्य के अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों के समक्ष मामला भी उठाया है. वहीं, BAPS ने भी बयान जारी किया है और शांति की अपील की है.

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न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने बयान जारी किया है और आपत्ति जताई है. भारत ने कहा, वो स्थानीय समुदाय के संपर्क में है और अमेरिकी लॉ एनफोर्समेंट अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया है ताकि इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.

बता दें कि मेलविले, लॉन्ग आइलैंड पर सुफोक काउंटी का एक शहर है जो नासो वेटरन मेमोरियल कोलिजियम से करीब 28 किलोमीटर दूर है. इसी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 सितंबर को एक बड़े कम्युनिटी इवेंट को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी 21, 22 और 23 सितंबर को अमेरिकी दौर पर पहुंच रहे हैं.

भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं लोग

इंडियन मिशन ने एक्स पर लिखा, न्यूयॉर्क के मेलविले में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर की बर्बरता अस्वीकार्य है. न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास समुदाय के संपर्क में है और इस जघन्य कृत्य के अपराधियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के लिए अमेरिकी लॉ एनफोर्समेंट अधिकारियों के साथ मामला उठाया है.

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BAPS ने घटना पर दुख जताया...

तोड़फोड़ पर BAPS ने कहा, हमें दुख है कि एक बार फिर नफरत और असहिष्णुता के सामने शांति की अपील करनी पड़ रही है. कल रात मेलविले, न्यूयॉर्क में BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर में नफरत के संदेशों के साथ तोड़फोड़ की गई है. दुर्भाग्य से यह अकेली घटना नहीं है. उत्तरी अमेरिका के विभिन्न हिंदू मंदिरों में इसी तरह की अपवित्रता की घटनाएं हुई हैं. हम इन कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं और सभी समुदायों के बीच शांति की प्रार्थना करते हैं. हम उन लोगों के लिए भी कहना चाहते हैं जिन्होंने इस अपराध को अंजाम दिया कि वे अपनी नफरत से मुक्त हों और हमारी साझा मानवता को देखें.

न्यूयॉर्क के पास मेलविले में BAPS मंदिर दुनियाभर के सभी BAPS मंदिरों की तरह, शांति, सद्भाव, समानता, निस्वार्थ सेवा और सार्वभौमिक हिंदू मूल्यों का प्रतीक है. घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय अधिकारियों को बुलाया गया. BAPS इस अपराध की जांच में अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी तरह से काम कर रहा है.

BAPS ने कहा, हमारे समुदाय के सदस्य आज शांति और एकता के लिए प्रार्थना करने के लिए एकत्र हुए. लॉन्ग आइलैंड का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थानीय, राज्य और संघीय नेताओं का समर्थन प्राप्त हुआ है.

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हिंदू संगठनों ने हमले की निंदा की

इस बीच, हिंदू-अमेरिकी संगठन ने भी हमले की निंदा की और अमेरिकी सरकार से जांच की मांग की. संगठन ने न्याय विभाग और डीएचएस सरकार से मेलविले स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर पर हुए हमले और हाल ही में हिंदू संस्थाओं को मिल रही धमकियों की जांच करनी चाहिए, जिन्हें हाल न्यूज बीट ने अपने यहां साझा किया है. साथ ही इस वीकेंड नासो काउंटी में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोगों ने एकजुट होने की योजना बनाई है.

सोशल मीडिया पर साझा किए गए कई वीडियो में सड़क पर और मंदिर के बाहर साइनेज पर अपशब्दों को विकृत करते हुए दिखाया गया है. घटना के बावजूद, मंदिर आज दोपहर बाद अपनी निर्धारित प्रार्थना सभा को आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है.

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा कि हमले को उस खतरे के परिदृश्य के संदर्भ में देखा जाना चाहिए.उन्होंने एक्स पर लिखा,"एक निर्वाचित नेता के लिए नफरत फैलाने के लिए हिंदू मंदिर पर हमला करने वालों की कायरता को समझना मुश्किल है. हिंदू और भारतीय संस्थानों में हाल की धमकियों के बाद इस हमले को उस खतरे के परिदृश्य के संदर्भ में देखा जाना चाहिए.

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