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स्कॉटलैंड में उच्चायुक्त से बदसलूकी पर भारत नाराज, एक संदिग्ध की हुई पहचान

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि स्कॉटलैंड के बाहर के तीन लोगों ने दूत की यात्रा को जानबूझकर बाधित किया. उनमें से एक ने वरिष्ठ राजनयिकों के गुरुद्वारे में पहुंचने पर राजनयिक व्हीकल को हिंसक तरीके से खोलने का भी प्रयास किया. भारतीय दूत और भारत के महावाणिज्यदूत (सीजी) बिना बहस किए ही मौके से जाना ही ठीक समझा.

स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त के साथ हुई बदसलूकी स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त के साथ हुई बदसलूकी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरवाईस्वामी को खालिस्तानी चरमपंथियों ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में स्थित एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया. भारत ने इस घटना को 'अपमानजनक' बताते हुए ब्रिटिश सरकार को घटना की जानकारी दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. भारत ने ब्रिटेन के विदेश कार्यालय और पुलिस के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है.

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शुक्रवार को विक्रम दोरवाईस्वामी ने ग्लासगो गुरुद्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की समिति के साथ बैठक की योजना बनाई थी. हालांकि, कुछ कट्टरपंथी ब्रिटिश सिखों ने उन्हें यह कहते हुए गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया कि यहां उनका "स्वागत नहीं है".

बिना बहस किए ही परिसर से चले गए भारतीय राजदूत
लंदन में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि स्कॉटलैंड के बाहर के तीन लोगों ने दूत की यात्रा को जानबूझकर बाधित किया. उनमें से एक ने वरिष्ठ राजनयिकों के गुरुद्वारे में पहुंचने पर राजनयिक व्हीकल को हिंसक तरीके से खोलने का भी प्रयास किया. भारतीय दूत और भारत के महावाणिज्यदूत (सीजी) बिना बहस किए ही मौके से जाना ही ठीक समझा. सामने आया है कि सिख कट्टरपंथियों ने इस दौरान धमकियां दी और अपशब्दों का भी प्रयोग किया.  

बदसलूकी करने वाले एक व्यक्ति की हुई पहचान

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स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त के साथ जिन तीन लोगों ने बुरा व्यवहार किया, उनमें से एक की तस्वीर और उसके बारे में जानकारी सामने आ गई है. इस सिख चरमपंथी की पहचान शमसेर सिंह खालसा के तौर पर हुआ है. वह पश्चिमी लंदन का रहने वाला हैं और ब्रिटिश है. साल 2018 में यह 23 जनवरी से 30 जनवरी के बीच कनाडा आया था.

असामाजिक तत्वों ने धमकाया
29 सितंबर, 2023 को, तीन लोगों जो कि स्कॉटलैंड के बाहर के थे, उन्होंने कम्युनिटी के लिए गुरुद्वारा समिति, उच्चायुक्त (एचसी) और भारत के महावाणिज्य दूत (सीजी) द्वारा आयोजित एक बातचीत को भी बाधित किया. उच्चायोग ने कहा कि, "यह बातचीत समुदाय और कांसुलर मुद्दों पर चर्चा के लिए होनी थी. आयोजकों में वरिष्ठ समुदाय के नेता, महिलाएं और समिति के सदस्य और स्कॉटिश संसद के सदस्य शामिल थे. असामाजिक तत्वों ने उन्हें धमकाया और दुर्व्यवहार किया गया. किसी भी संभावित विवाद को रोकने के प्रयास में , एचसी और सीजी ने इस व्यवहार के तुरंत बाद परिसर छोड़ दिया. 

29 सितंबर की है घटना
भारतीय उच्चायोग ने इस अपमानजनक घटना की सूचना विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) को दी है. मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि, जब कट्टरपंथी सिख कार्यकर्ताओं ने दोराईस्वामी को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोका तो स्कॉटलैंड पुलिस को सूचित किया गया. गुरुद्वारे के आयोजकों ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि दूत सुरक्षित रहे. “हमें शुक्रवार, 29 सितंबर को दोपहर लगभग 1.05 बजे ग्लासगो के अल्बर्ट ड्राइव क्षेत्र में हुई गड़बड़ी की रिपोर्ट के लिए बुलाया गया था. स्कॉटलैंड पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि, किसी के घायल होने की कोई जानकारी नहीं है, जांच और पूछताछ जारी है. 

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भारत कनाडा के बीच जारी है राजनयिक विवाद
यह घटना कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा के बीच बड़े राजनयिक विवाद के बीच हुई. इससे पहले जून में, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के ब्रिटेन स्थित प्रमुख और खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के मुख्य संचालक अवतार सिंह खांडा की बर्मिंघम के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी. उसने इस साल मार्च से अप्रैल के बीच पंजाब में 37 दिनों तक अमृतपाल सिंह को पुलिस से बचाने में मदद की थी.

दिल्ली में तिहाड़ में बंद है जगतार सिंह जोहल
दूसरी ओर, जगतार सिंह जोहल खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी समूहों के साथ कथित संलिप्तता के आरोप में 2017 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक, जो इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत में थे, ने कहा कि देश में "हिंसा या उग्रवाद का कोई भी रूप" स्वीकार्य नहीं है. खालिस्तान मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर सुनक ने कहा, "मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि ब्रिटेन में किसी भी प्रकार का उग्रवाद या हिंसा स्वीकार्य नहीं है." उन्होंने कहा कि यूके पीकेई (खालिस्तान समर्थक उग्रवाद) से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ काम कर रहा है.

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