
India Today Conclave 2025: अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में भारत-अमेरिका रिश्तों, व्यापार और टैरिफ पर बात की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कॉन्क्लेव में शामिल लटनिक ने ट्रंप के इस बात को दोहराया कि भारत दुनिया के उन कुछेक देशों में शामिल है जो अमेरिकी सामानों पर सबसे अधिक टैरिफ लगाते हैं. उन्होंने कहा कि भारत को टैरिफ में व्यापक कटौती करनी होगी जिससे अमेरिका भारतीय बाजार में प्रवेश कर सके और दोनों देशों के बीच बराबरी पर व्यापार हो सके.
लटनिक ने कहा कि बर्बर व्हिस्की और हार्ले डेविडसन बाइक जैसे कुछेक अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने से काम नहीं चलेगा बल्कि टैरिफ में बड़े स्तर पर कटौती करनी होगी.
जब उनसे पूछा गया कि क्या कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम करने से भारत की नरेंद्र मोदी सरकार को राजनीतिक रूप से नुकसान नहीं होगा. लटनिक ने कहा, 'कृषि उत्पादों को लेकर भारतीय बाजार को खुलना होगा. आपको स्मार्ट तरीके से व्यापार करना होगा. यह बिजनेस का तरीका नहीं है. भारत अपने टैरिफ को कम करे और अपने बाजार में अमेरिका को आने दे. यह कुछ बड़ा करने का समय है, केवल कुछ उत्पादों पर टैरिफ कम करने से काम नहीं चलेगा. स्मार्टली व्यापार करना होगा.'
उन्होंने कहा, 'अमेरिका पहले टैरिफ नहीं लगाता था और भारत शुरू से ही अमेरिकी सामानों पर भारी टैरिफ लगाता आया है. लेकिन अमेरिका अब अपनी नीति बदल रहा है. अब ट्रंप रेसिप्रोकल टैरिफ लगा रहे हैं. अब जो देश हमारे साथ जैसा व्यवहार करेगा, हम भी उसके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे.'
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि रेसिप्रोकल टैरिफ 2 अप्रैल से लागू हो जाएगा. इसके बाद जो देश अमेरिकी सामानों पर जितना टैरिफ यानी सीमा शुल्क लगाएगा, अमेरिका उस देश पर उतना ही टैरिफ लगाएगा.
भारत-रूस रिश्तों और ब्रिक्स पर क्या बोले लटनिक?
लटनिक से सवाल किया गया कि ट्रंप भारत-अमेरिका रिश्तों में सिर्फ ट्रेड और टैरिफ पर फोकस कर रहे हैं. बाकी क्षेत्र में उनकी नीतियां कैसी रहेंगी?
जवाब में लटनिक ने कहा, 'ऐसा नहीं है, हम मिलिट्री के बारे में बात करते हैं... भारत डिफेंस की चीजें रूस से खरीदता है. हम इसे रोकना चाहते हैं. भारत ब्रिक्स का सदस्य है, ये देश डॉलर को टक्कर देने के लिए अपनी मुद्रा बना रहे हैं. ये बातें दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत नहीं बनाएंगी. हम चाहते हैं कि ये सब रुके और व्यापार बढ़े, मजबूत रिश्ता बने.'
उनके इस जवाब पर इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने सवाल किया भारत हथियारों के लिए फ्रांस पर भरोसा करता है, रूस पर निर्भर है लेकिन अमेरिका को लेकर इतने सवाल क्यों पैदा हो जाते हैं, अमेरिका पर रक्षा के मामले में भारत भरोसा क्यों नहीं कर पाता?
जवाब में लटनिक ने कहा, 'अमेरिका मिलिट्री का सबसे बड़ा कॉन्प्लेक्स है, रक्षा हथियारों का सबसे बड़ा उत्पादक है, अमेरिका शानदार है और इसकी तकनीक सबसे अच्छी है. आप रक्षा हथियारों के लिए अमेरिका से बात करिए. आपके पीएम जब आए थे तो उन्होंने इस पर बात की थी. दूसरों पर भरोसा कम कीजिए, हम पर भरोसा करिए.'