
मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद ने पाकिस्तान के एक उर्दू अखबार में लेख लिखा है. उसके लेखन से पाकिस्तान समेत दुनिया भर के पत्रकारों के बीच बहस छिड़ गई है कि हाफिज को यह लेख लिखने की इजाजत कैसे मिली.
सवाल उठाए जा रहे हैं कि मीडिया घराने ने प्रतिबंधित आतंकी समूह के प्रमुख को कश्मीर मुद्दे और 1971 में बांग्लादेश के गठन पर लिखने की इजाजत कैसे दे दी? बता दें कि 2008 में मुंबई के आतंकी हमले के बाद अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने सईद को वैश्विक आतंकवादी करार दिया था और नवंबर 2008 में उसे नजरबंद कर दिया था लेकिन अदालत के फैसले के कारण कुछ महीने बाद रिहा कर दिया गया.
रविवार को दैनिक दुनिया में 'प्रोफेसर हाफिज मोहम्मद सईद' के नाम से उसने 'पूर्वी पाकिस्तान पर भारत का अवैध आक्रमण...कश्मीरी लोगों की हिमायत से क्यों परहेज कर रहा पाकिस्तान' विषय पर लिखा है. यह अखबार मियां अमर महमूद के दुनिया मीडिया ग्रुप का उर्दू प्रकाशन है.
उसने 'कन्ट्रिब्यूटिंग राइटर' के तौर पर आलेख लिखा है. इसमें ढाका में हाथों में बंदूक लिए हुए कुछ नौजवानों और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक तस्वीर भी है. जाने-माने मीडिया घराने के अखबार में प्रतिबंधित आतंकी समूह के प्रमुख को लिखने की अनुमति देने पर पत्रकारों ने सवाल किया है कि क्या कंपनी ने मालिक के साथ कुछ सीधे जुड़ाव के कारण उसे यह लिखने की अनुमति दी या अखबार प्रबंधन पर कोई अन्य दबाव था.
पाकिस्तान की एक अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि पाकिस्तानी मीडिया सईद की तस्वीर प्रकाशित नहीं करे. इसके बावजूद हाफिज के लेख लिखने पर सवाल उठ रहे हैं. अपने आलेख में सईद ने कहा है कि इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को विभाजित करने के लिए साजिश रची.
सईद ने इसके साथ ही तत्कालीन पाक शासकों के विफल रहने पर अफसोस भी जताया है. सईद ने बांग्लादेश के गठन में भारत की भूमिका के बारे में विस्तार से लिखा है और यह भी बताया है कि उसकी राय में पाकिस्तान के लिए कश्मीर क्यों इतना महत्वपूर्ण है. उसने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीरी लोगों का समर्थन करना चाहिए.
वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने मंगलवार को कहा कि भारत लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख को मुंबई हमलों में उसका हाथ होने की वजह से कभी माफ नहीं कर सकेगा.