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अमेरिका ने बताया भारत के अरबों की ड्रोन की कब होगी डिलीवरी, डील पर रोक की आई थी खबर

दो दिन पहले ही ऐसी खबरें आ रही थी कि अमेरिका ने ड्रोन डील पर तब तक रोक लगा दी है जब तक कि भारत खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों को लेकर जांच पूरी नहीं कर लेता है. हालांकि, बाद में नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि ड्रोन डील पर मुहर लग गई है.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (फाइल फोटो) भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

अमेरिका ने भारत के साथ हुए अरबों की ड्रोन डील पर मुहर लगा दी है. दोनों देशों के बीच लगभग 3.99 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 300 करोड़ रुपए कीमत के 31 MQ9B ड्रोन की डील हुई है. दो दिन पहले ही ऐसी खबरें आ रही थी कि अमेरिका ने इस ड्रोन डील पर तब तक रोक लगा दी है जब तक कि भारत खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों को लेकर जांच पूरी नहीं कर लेता है.

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हालांकि, बाद में नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस के पास अब इस डील की समीक्षा करने के लिए 30 दिन का समय है. समीक्षा पूरी हो जाने के बाद भारत और अमेरिका प्रस्ताव और स्वीकृति पत्र के साथ बिक्री की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं.

अमेरिका ने बताया कब तक होगी डिलीवरी

गुरुवार को नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से जब पूछा गया,  "आज हमने यूएस कांग्रेस (सदन) की ओर से जारी सर्टिफिकेशन के बारे में देखा, यह सर्टिफिकेशन भारत और अमेरिका के बीच संभावित ड्रोन डील को लेकर है. क्या आप यह बता सकते हैं कि इस डील की समय-सीमा क्या है? या अगले चरणों की रूपरेखा क्या है? यह सौदा कितना महत्वपूर्ण होगा?

इसका जवाब देते हुए मैथ्यू मिलर ने कहा, "मैं इस डील को लेकर कोई समयसीमा नहीं बता सकता. कांग्रेस (सदन) को सूचित करना डील की शुरुआती कदम है. डिलीवरी की सटीक समय क्या होगा. इसको लेकर हम अगले कुछ महीने में भारत सरकार से बात करेंगे. मैं इस डील के बारे में इतना ही कहूंगा कि 31 MQ9B ड्रोन भारत को एक उन्नत समुद्री सुरक्षा और समुद्री डोमेन जागरूकता प्रदान करेगा. यह हथियार भारत को वर्तमान में मौजूद MQ-9A एयरक्राफ्ट की तुलना में पूर्ण स्वामित्व और एयरक्राफ्ट की संख्या में 16 गुना की वृद्धि करेगा.

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भारतीय सेना को मिलेगी मजबूती

जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के US स्टेट विजिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और PM मोदी की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी कर ड्रोन डील के बारे में बताया गया था. साझा बयान में कहा गया था कि ड्रोन भारत में असेंबल किए जाएंगे और इन्हें बनाने वाली जनरल एटॉमिक्स, भारत में एक MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ऑपरेशन्स) सेंटर स्थापित करेगी. हालांकि, इस बयान में ड्रोन की संख्या और मूल्य के बारे में कुछ नहीं बताया गया था.

पीएम मोदी के इस दौरे से एक हफ्ते पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद समिति (DAC) ने 31 MQ-9B ड्रोन्स की खरीद के लिए एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (AON) जारी की थी. तब रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि भारतीय सेनाओं को इन ड्रोन्स की जरूरत है. इसलिए इन्हें खरीदा जा रहा है. 31 में से 15 ड्रोन सी गार्डियन थे. यानी ये नौसेना को मिलेंगे. जबकि बाकी 16 ड्रोन सेना और वायुसेना को दिए जाएंगे.

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