
इजरायल ने फिलिस्तीनियों के कब्जे से रात के समय ऑपरेशन चलाकर 10 भारतीय नागरिकों को आजाद कराया है. इन 10 भारतीयों को फिलिस्तीन के लोगों ने वेस्ट बैंक में बंधक बना रखा था. इन 10 लोगों के पासपोर्ट छीन लिए गए थे और इन्हें पिछले एक महीने से एक गांव में कैद करके रखा गया था.
टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक बंधक बनाए गए 10 भारतीय नागरिकों को फिलिस्तीनियों ने झूठ बोलकर कैद किया गया था. मूल रूप से कंस्ट्रक्शन वर्कर के तौर पर काम करने वाले इन 10 भारतीयों से कहा गया कि उन्हें वेस्ट बैंक के अल-जायेम गांव में काम मिलेगा.
बंधक बनने के बाद पता चली सच्चाई
फिलिस्तीन के गांव पहुंचने के बाद उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए. गांव पहुंचने और बंधक बनाए जाने के बाद भारतीय नागरिकों को पता चला कि उनके पासपोर्ट का इस्तेमाल फीलिस्तीन के लोग इजरायल के अंदर घुसने के लिए करेंगे.
कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए पहुंचे थे इजरायल
इजरायली मीडिया के मुताबिक भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने पूरी रात सर्च ऑपरेशन चलाया. बंधक बनाए गए सभी 10 भारतीय नागरिक कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए इजरायल पहुंचे थे. फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि ये भारतीय किस लोकेशन पर काम करने के लिए आए थे.
भारतीय नागरिकों को लौटाए पासपोर्ट
IDF ने बचाए गए सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है. इजरायली फोर्स ने पासपोर्ट के गलत इस्तेमाल की पहचान भी कर ली है. पासपोर्ट अब असली मालिक (भारतीय नागरिकों) को लौटा दिए गए हैं.
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का पर्दाफाश?
फिलिस्तीनियों ने भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल करके आसानी से इजरायल के कुछ चेकपॉइंट पार कर लिए थे. हालांकि, एक चेकपॉइंट पर इजरायली सेना के अफसरों को कुछ संदिग्धों पर शक हुआ, जब उन्हें रोककर पड़ताल की गई तो इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया. फिलिस्तीनियों से पासपोर्ट जब्त कर इजरायली सेना ने भारतीय नागरिकों को छुड़ा लिया.
7 अक्टूबर की घटना से चौकन्ना इजरायल
बता दें कि पिछले एक साल में भारत से करीब 16 हजार श्रमिक कंस्ट्रक्शन वर्क में काम करने के लिए इजराइल आए हैं. भारतीय श्रमिकों को इजरायल लाने का मकसद फिलिस्तीनी श्रमिकों को रिप्लेस करना है. दरअसल, 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद इजरायल ने हजारों फिलिस्तीनी निर्माण श्रमिकों के वर्क परमिट पर रोक लगा दी है.