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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में आयोजित एक इवेंट के दौरान रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवाने को लेकर भारत की स्थिति पर बात की. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत प्रयास कर रहा है कि कुछ ऐसा हो पाए जिससे इन दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हो सके. एस जयशंकर ने कहा कि, ''हम मानते हैं कि युद्ध किसी भी विवाद को खत्म करने का तरीका नहीं है. हमें ऐसा नहीं लगता है कि युद्ध के मैदान से किसी भी चीज का हल निकाला जा सकता है.''
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि किसी न किसी बिंदु पर जाकर बातचीत जरूर होगी और इस बातचीत में दोनों पक्ष शामिल होंगे. युद्ध रोकने के लिए यह वार्ता कभी एकतरफा नहीं होगी.
विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि भारत के पास कोई शांति योजना है. हम किसी को कुछ सलाह नहीं दे रहे हैं. हम बस दोनों पक्षों की बात एक दूसरे तक पहुंचा रहे हैं. मुझे लगता है कि दोनों पक्ष इसकी सराहना भी कर रहे हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीते महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से हुईं वार्ताओं का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि इसी वजह से हमें लगता है कि अगर यह बातचीत मददगार हैं और हम कुछ कर सकते हैं तो मुझे लगता है कि हम इसमें अपना योगदान दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज के समय में बहुत ऐसे देश या नेता नहीं हैं जो रूस और यूक्रेन को साथ लाने में सक्षम हों या ऐसी इच्छा रखते हों.
रूस के साथ भारत के संबंधों पर क्या बोले एस जयशंकर
एस जयशंकर ने आगे कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में यह भावना है कि संघर्ष जितनी जल्दी खत्म हो जाए, वैश्विक अर्थव्यवस्था और समाज के लिए उतना ही बेहतर होगा. वहीं रूस के साथ भारत के संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि रूस आज पश्चिम के साथ अपने मौजूदा तनाव के कारण एशिया की ओर अधिक रुख कर रहा है.
एस जयशंकर ने कहा कि भारत को आजादी मिलने के बाद से अभी तक पहले सोवियत यूनियन और अब रूस के साथ हमेशा अच्छा ही अनुभव रहा है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच रणनीतिक और भू-राजनीतिक समीकरणों के अलावा एक लंबा रक्षा और सुरक्षा संबंध भी है.