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रेप, टॉर्चर.... अमेरिका में गैर-कानूनी तरीके से एंट्री के लिए 'नरक' जैसे रास्तों से गुजरते हैं भारतीय!

डंकी रूट पर अवैध रूप से सफर करने वाले भारतीय नागरिकों को पैसे के लिए मार दिया जाता है और महिलाओं को यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. Sky News की रिपोर्ट से पता चलता है कि कैसे भारतीय नागरिक अमेरिका पहुंचने के लिए पनामा, कोस्टा रिका, अल साल्वाडोर और ग्वाटेमाला में माफिया गिरोहों पर निर्भर होकर भयानक जोखिम उठा रहे हैं.

सैकड़ों भारतीय अवैध रूप से जाते हैं US (सांकेतिक तस्वीर: PTI) सैकड़ों भारतीय अवैध रूप से जाते हैं US (सांकेतिक तस्वीर: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST

अमेरिकी सपने की तलाश, समृद्धि, सफलता और मौकों से भरी जिंदगी ने लंबे वक्त से दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है. इसमें अनगिनत भारतीय भी शामिल हैं. अपने 'अमेरिकी ख्वाबों' को पूरा करने के लिए, हजारों भारतीय नागरिक अपनी जान पर खेलकर अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंच रहे हैं, 'डंकी रूट' का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो घने जंगलों, कठिन रास्ते वाले इलाकों और उबड़-खाबड़ पानी से होकर गुजरता है. इसका नतीजा यह है कि अब भारतीय, अमेरिका में अवैध प्रवासियों के तीसरे सबसे बड़े ग्रुप का प्रतिनिधित्व करते हैं. हालांकि, अमेरिका की यात्रा नरक जैसे रास्तों से होकर गुजरती है.

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एक एजेंट ने खुलासा किया कि अमेरिका में अवैध तरीके से एंट्री करने वाले 10-12 फीसदी लोग या तो मर जाते हैं या रास्ते में ही मारे जाते हैं. मानव तस्कर अवैध प्रवासियों को अमेरिका ले जाने के लिए प्रति व्यक्ति लगभग 50 हजार से एक लाख डॉलर (करीब 40 लाख से 80 लाख रुपये) लेते हैं.

हजारों भारतीय अपनाते हैं डंकी रूट

शाहरुख खान स्टारर फिल्म 'डंकी' 'डंकी रूट' या 'डंकी फ्लाइट' पर आधारित है, जिसे हजारों भारतीय हर साल अमेरिका, ब्रिटेन या किसी अन्य यूरोपीय देश तक पहुंचने के लिए अपनाते हैं.

इस सफर में तमाम देशों से होते हुए कई पड़ावों से गुजरना पड़ता है, जिनमें पनामा, कोस्टा रिका, अल साल्वाडोर और ग्वाटेमाला जैसे मध्य अमेरिकी देश शामिल हैं, जहां भारतीय नागरिक आसानी से वीजा प्राप्त कर सकते हैं. मेक्सिको और दक्षिण अमेरिका के बीच स्थित ये देश मेक्सिको के रास्ते अमेरिका में प्रवेश करने वाले अवैध अप्रवासियों के लिए एंट्री गेट के रूप में काम करते हैं.

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Sky News की एक इन्वेस्टिगेशन के मुताबिक, इस खतरनाक सफर में दो साल तक का वक्त लग सकता है. इसमें कई जोखिम होते हैं, जिसमें डकैती, गंभीर चोटें, रेप और आपराधिक गिरोहों के हाथों मौत शामिल है. यह एकमात्र रास्ता नहीं है, जिसके जरिए अवैध अप्रवासी अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हैं. अवैध अप्रवासी कनाडा के जरिए भी एक रास्ता अपनाते हैं.

ब्राजील भी उन देशों की लिस्ट में शामिल है, जो अमेरिका पहुंचने के लिए रास्ते में आता है. जाने वाले लोग इस देश का इस्तेमाल ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में कर रहे हैं. रास्ते और उनकी कठिनाइयां इस बात पर निर्भर करती हैं कि अवैध अप्रवासी ने कितनी राशि का भुगतान किया है.

Pew Research Centre की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 725,000 अनधिकृत भारतीय अप्रवासी हैं, जो उन्हें मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद तीसरा सबसे बड़ा ग्रुप बनाता है. 

अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में रिकॉर्ड 96,917 भारतीयों को अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया या निष्कासित किया गया. हजारों और लोग शायद अमेरिका में सफलतापूर्वक घुसने में कामयाब हो गए होंगे.

डंकी रूट: जोखिम भरा सफर लेकिन फायदेमंद बिजनेस

'डुनकी रूट' एक आकर्षक बिजनेस बन गया है, जिसमें तस्कर प्रति व्यक्ति 50,000 डॉलर से लेकर 100,000 डॉलर (लगभग 40 लाख से 80 लाख रुपये) तक की रकम वसूलते हैं. 36 वर्षीय अवैध प्रवासी सुभाष कुमार ने कहा कि उन्होंने अपनी सेविंग खर्च की और पैसे उधार लेकर एक गिरोह को 50,000 डॉलर दिए, जिससे वह अमेरिका पहुंच सके.

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हालांकि, पैसे देने के बाद, उन्हें नेपाल के काठमांडू ले जाया गया, जहां उनका अपहरण कर लिया गया और फिरौती के लिए रखा गया. Sky News के मुताबिक, गिरोह ने फर्जी बोर्डिंग पास और वीजा बनाए, गलत बैकग्राउंड का इस्तेमाल करके इस तरह से दिखाया कि वह अमेरिकी बॉर्डर पर पहुंच गया है. यह बिजनेस इतना पॉपुलर है कि इसमें हजारों तस्कर शामिल हैं. Sky News के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर तस्कर उत्तर भारतीय राज्यों, खासकर पंजाब और हरियाणा से संबंध रखते हैं. 

यह भी पढ़ें: 'डंकी रूट' की चर्चा क्यों शुरू हुई?

US पहुंचने के लिए अपनी जमीन और गहने बेच रहे लोग

अमेरिका पहुंचने और 'अमेरिकी ख्वाबों' को पूरा करने की बेताबी भारत में बेरोजगारी, कम आय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संकट से प्रेरित है. कई परिवार इन अवैध प्रवास सर्विसेज का भुगतान करने के लिए अपनी जमीन, गहने और यहां तक कि अपने घर भी बेच देते हैं.

इस सफर में जोखिम बहुत ज्यादा हैं. अवैध प्रवासियों को सफर के वक्त पकड़े जाने, प्रताड़ित किए जाने, जेल जाने या यहां तक कि मारे जाने की आशंका का सामना करना पड़ता है. 

साल 2022 में, एक दंपत्ति और उनके दो बच्चे अमेरिका-कनाडा बॉर्डर के पास ठंड से मर गए और एक अन्य परिवार सेंट लॉरेंस नदी के पार नाव से कनाडा से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश में डूब गया. एक तस्कर, जोगिंदर (बदला हुआ नाम) ने खुलासा किया कि 10 फीसदी से 12 फीसदी प्रवासी रास्ते में ही मर जाते हैं या जरूरी शुल्क का भुगतान न करने की वजह से मारे जाते हैं. जोगिंदर ने Sky News को बताया, "मैं हर सीजन में लगभग 500 प्रवासियों को भेजता हूं और एक साल में तीन सीजन होते हैं."

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भारतीय अधिकारियों ने तस्कर नेटवर्क पर नकेल कसना शुरू कर दिया है, लेकिन समस्या का पैमाना बहुत बड़ा है. अधीक्षक उपासना ने कहा, "इस साल हमने 46 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और इसमें शामिल 75 लोगों को गिरफ्तार किया है."

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अवैध अप्रवासियों की डरावनी कहानियां

इस सफर पर जाने की कोशिश करने वालों की कहानियां डरावनी हैं. The New York Times के मुताबिक, अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर, प्रवासी महिलाओं और लड़कियों को बड़े पैमाने पर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जो अक्सर रिपोर्ट नहीं किए जाते और दंडित नहीं किए जाते. अमेरिकी बॉर्डर पर सफर करने वाली अवैध महिलाओं को तस्करों से क्रूर व्यवहार सहना पड़ता है, जिसमें मारपीट, रेप, जबरन वेश्यावृत्ति और बेड़ियों में जकड़ना शामिल है.

The New York Times की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मेक्सिको के खतरनाक रास्ते पर तीन में से एक महिला का यौन उत्पीड़न किया जाता है." 

जोगिंदर ने यौन हमलों के मामले में Sky News को बताया, "माफिया, बॉर्डर्स को कंट्रोल करते हैं. रास्ते में कई गलत घटनाएं होती हैं और महिलाओं के साथ भयानक चीजें होती हैं, मैं यहां यह नहीं कह सकता. लेकिन उन्हें अमेरिका पहुंचने के लिए यह सब सहना पड़ता है." 

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30 वर्षीय टेक्नोलॉजी ग्रेजुएट स्टूडेंट मलकीत सिंह को अमेरिका पहुंचने की कोशिश करते वक्त तस्करों ने मार डाला. अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए, उनके परिवार ने तस्करों को भुगतान करने के लिए संपत्ति बेच दी. वह दोहा, अल्माटी, इस्तांबुल, पनामा सिटी और फिर अल साल्वाडोर पहुंचे.

वह अपना अमेरिकी सपना पूरा नहीं कर पाया और मारा गया. बाद में सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उसके शव की पहचान की गई. एक और अवैध प्रवासी साहिल अमेरिका पहुंचने की कोशिश में लापता हो गया. अब, उसके 45 वर्षीय पिता शिव कुमार अपने 19 साल बेटे की तलाश कर रहे हैं.

अमेरिका पहुंचने का यह ख्वाब एक नरक से होकर गुजरता है, लेकिन यह उन हजारों लोगों को नहीं रोक पाता, जो अमेरिका पहुंचने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं.

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