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अमेरिका में बसे इस भारतवंशी ने 'सबसे महंगी सीट' पर रचा इतिहास, लगातार तीसरी बार जीता चुनाव

भारतवंशी अमेरिकी विन गोपाल ने न्यूजर्सी के 11वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है. इसे अमेरिका के विधायी इतिहास की सबसे महंगी दौड़ कहा जा रहा है. 38 साल के गोपाल ने इस सीट से अपने प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन के स्टीव डिनिस्ट्रियन को हराया है.

विन गोपाल विन गोपाल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:30 AM IST

अमेरिका में सियासी पारा चढ़ने लगा है. देश में अगले साल होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से पहले हाल ही में हुए स्टेट और स्थानीय स्तर के चुनाव हुए. अब इन चुनाव के नतीजों का ऐलान होने लगा है. इन चुनावों में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी थी. इन्हीं भारतवंशियों में सबसे युवा उम्मीदवार के तौर पर लोकप्रिय विन गोपाल ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. 

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विन गोपाल ने न्यूजर्सी के 11वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है. इसे अमेरिका के विधायी इतिहास की सबसे महंगी दौड़ कहा जा रहा है. 38 साल के गोपाल ने न्यूजर्सी के 11वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट सीट से अपने प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन के स्टीव डिनिस्ट्रियन के मुकाबले लगभग 60 फीसदी वोट मिले. 

इस कीर्तिमान के साथ वह न्यूजर्सी स्टेट सीनेट के सबसे युवा सदस्य हैं और न्यूजर्सी के इतिहास में सीनेटर चुने जाने वाले दक्षिण एशियाई मूल के पहले अमेरिकी हैं. 

बता दें कि अमेरिका के 37 राज्यों में मंगलवार को चुनाव हुए थे. न्यूजर्सी विधायिका में स्टेट सीनेट और असेंबली दोनों होते हैं और इनमें 40 जिलों से 120 सदस्य होते हैं. हर जिले से सीनेट में एक और असेंबली में दो प्रतिनिधि होते हैं, जिनका कार्यकाल चार और ढाई साल का होता है. दिलचस्प बात ये है कि इन सभी 120 सीटों पर अगले साल नवंबर में भी आम चुनाव होंगे. 

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रिपब्लिकन की डेमोक्रेट को पटखनी देने की थी पूरी तैयारी

न्यूजर्सी मॉनिटर न्यूज पोर्टल के मुताबिक, न्यूजर्सी के 11वें डिस्ट्रिक्ट पर इस साल रिपब्लिकन का पूरा फोकस था. रिपब्लिकन को उम्मीद थी कि एलजीबीटीक्यू मामले को भुनाकर वे डेमोक्रेट्स को पटखनी दे देंगे. 

डेमोक्रेट विन गोपाल की इस सीट पर रिपब्लिकन पार्टी का पूरा फोकस था. रिपब्लिकन ने किसी भी हाल में इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया था.

सबसे महंगी सीट क्यों कहा गया है इसे?

रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूजर्सी के इस मुकाबले को इतिहास की सबसे महंगी सीट की लड़ाई कहा जा रहा है. इसकी वजह है कि इस सीट पर हुए चुनाव में पानी की तरह पैसा बहाया गया है. अक्टूबर तक डेमोक्रेट्स ने चुनाव के लिए 34 लाख डॉलर जुटाए थे जबकि 35 लाख डॉलर खर्च किए गए. वहीं, रिपब्लिकन्स ने सिर्फ 4.60 लाख डॉलर जुटाए थे जबकि उनकी ओर से चुनाव में खर्च की गई धनराशि 4.44 लाख डॉलर रही. इस सीट पर हुए चुनाव में कई बाहरी समूहों ने भी पैसा खर्च किया था.

विन गोपाल ने सबसे पहले 2017 और फिर 2021 में इस सीट से जीत दर्ज की थी. लगातार तीसरी बार इस सीट से जीत मिलने के बाद गोपाल ने लोगों का आभार जताते हुए कहा कि आप सभी ने आज रात इतिहास रच दिया है. वह सीनेट एजुकेशन समिति के अध्यक्ष हैं. वह इससे पहले सीनेट मिलिट्री एंड वेटेरेन्स अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं.

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7 नवंबर को हुए थे चुनाव

बता दें कि अमेरिका में सात नवंबर को स्टेट और स्थानीय स्तर के चुनाव हुए थे. इन चुनावों में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिसे लेकर भारतीय समुदाय उत्साहित रहा. 

स्टेट लेजिस्लेचर (विधायी चुनाव) से लेकर मेयर और गवर्नर पदों के लिए हुए चुनावों में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें वर्जीनिया की लाउडाउन काउंटी सीट से भारतीय मूल की पूजा खन्ना से लेकर पेंसिल्वेनिया के मोंटगोमारी काउंटी से नील मखीजा और स्टेट सीनेट के लिए सुहास सुब्रमण्यम तक के शामिल थे. इसके अलावा अन्य उम्मीदवारों में नलिनी कृष्णनकुट्टी, मिनिता सांघवी, विन गोपाल, ऋषि बग्गा, सीमा दीक्षित, प्रिया तमिलारासन, कन्नन श्रीनिवासन, साजी मैथ्यू, अश्विनी उदगांवकर और बलवीर सिंह जैसे भारतवंशी नागरिकों के नाम शामिल हैं.

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