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मिसाइल गिरने से पाकिस्तान के पूर्व राजदूत को सताने लगा ये डर, कहा- कुछ खतरनाक कर रहा भारत, सतर्क रहे देश

पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने कहा है कि भारत मिसाइल भेजकर ये जांच रहा है कि पाकिस्तान इस पर किस तरह की प्रतिक्रिया देता है. उन्होंने कहा है कि यूक्रेन पर रूसी हमले से भारत को प्रेरणा मिली है और जिस तरह से रूस ने यूक्रेन के दो क्षेत्रों को स्वतंत्र क्षेत्र की मान्यता दी है भारत भी संपूर्ण जम्मू-कश्मीर पर कब्जा चाहता है.

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रह चुके हैं अब्दुल बासित (Photo- PTI) भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रह चुके हैं अब्दुल बासित (Photo- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:22 PM IST
  • मिसाइल विवाद पर बोले पाकिस्ता के राजनयिक
  • रूस-यूक्रेन युद्ध से जोड़े तार
  • कहा- संपूर्ण जम्मू-कश्मीर पर कब्ज चाहती है भारत सरकार

भारत के मिसाइल का तकनीकी खराबी के चलते पाकिस्तान के इलाके में गिरना विवाद का विषय बना हुआ है. भारत ने घटना पर खेद जताते हुए उच्चस्तरीय जांच बिठा दी है. पाकिस्तान की तरफ से इस घटना को लेकर पीएम इमरान खान, पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ और विदेश मंत्रालय सहित कई लोगों की टिप्पणी सामने आई है. भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रह चुके अब्दुल बासित ने भी इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक ने इस घटना को जम्मू-कश्मीर विवाद से जोड़ दिया है. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल Keleidoscope पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो कह रहे हैं, 'ये घटना परेशान करने वाली है क्योंकि अगर आपको याद हो तो 22 फरवरी 1994 को भारत की संसद ने एक प्रस्ताव पास किया था जिसमें कहा था कि आजाद जम्मू-कश्मीर को हमें वापस लेना है. और अब जब कि रूस ने यूक्रेन पर कार्रवाई की है और उसके इलाकों दोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र भी घोषित किया है. तो शायद भारत को इससे प्रेरणा मिली हो.'

रूस पर भारत के निष्पक्ष रुख की एक अलग ही व्याख्या करते हुए पाकिस्तानी राजनयिक ने कहा, 'भारत ने रूस के खिलाफ सभी प्रस्तावों पर वोटिंग से खुद को इसलिए भी दूर रखा हो क्योंकि शायद वो ये समझता हो कि पूर्वी यूक्रेन में रूस ने जो भी किया है, वो जायज है. और चूंकि भारत अपने लिए भी कानूनी तौर पर एक रास्ता बना रहा है कि आजाद जम्मू कश्मीर पर हमला करके उस पर कब्जा कर ले. ये सारी संभावनाएं हैं. मैं ये नहीं कह रहा कि ये होने जा रहा है लेकिन हमें इन तमाम चीजों को सामने रखना चाहिए.'

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उन्होंने कहा कि भारत की नरेंद्र मोदी सरकार के अब तक के रवैये को देखते हुए इस तरह की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच करार है कि दोनों देश कोई भी बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण से तीन दिन पहले एक-दूसरे को सूचित करेंगे और अब तक ऐसा होता भी आया है.

उन्होंने आगे कहा, 'पूर्व में हम एक-दूसरे को परीक्षण से पहले की जानकारी देते रहे हैं. अब शायद भारत हमारी क्षमता की जांच कर रहा है कि जब कोई मिसाइल पाकिस्तान की तरफ भेजी जाएगी तो पाकिस्तान की प्रतिक्रिया क्या होगी. क्योंकि भारत तो शीतयुद्ध शुरू करना चाहता है और उसी की शुरुआत के लिए इस तरह के काम कर सकता है. इसलिए हमें, हमारी फौज को, चौकन्ना रहना है.'

क्या है पूरा मामला?

पाकिस्तान की सेना ने गुरुवार को एक बयान में कहा था कि भारत की तरफ से एक सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया. पाकिस्तान ने कहा कि 9 मार्च को भारत की तरफ से गिरने वाले ऑब्जेक्ट ने कई इमारतों को नुकसान पहुंचाया और इससे किसी की जान भी जा सकती थी.

भारत ने इस घटना पर अपना स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि रूटीन मेंटेनेंस के दौरान गलती से एक मिसाइल फायर हो गई और पाकिस्तान में जा गिरी. भारत ने इस घटना के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. 

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस घटना को लेकर पाकिस्तान में एक रैली के दौरान कहा कि पाकिस्तान भारतीय मिसाइल के पाकिस्तान में गिरने का जवाब दे सकता था लेकिन उसने संयम बरता.

वहीं, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने इस घटना को लेकर भारत की संवेदनशील तकनीक को संभालने की क्षमता पर सवाल उठाया. उन्होंने घटना को लेकर कई ट्वीट किए. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'इस घटना से भारत की संवेदनशील तकनीक को संभालने की क्षमता पर गंभीर सवाल उठता है.' 

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