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चीन से निपटने को समुद्र में सबसे घातक जंगीबेड़ा उतारने की तैयारी में भारत

दिलचस्प बात यह है कि यह इतने गुपचुप तरीके से हमला करता है कि दुश्मन को भनक भी नहीं लगती है. इसी के चलते इसका नाम समुद्री मछली शार्क मछली 'कलवरी' के नाम पर रखा गया है. भारतीय नैसेना काफी समय के बाद इस जंगीबेड़े को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है.

INS कलवरी INS कलवरी
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST

डोकलाम मामले को लेकर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारत ने अपने सबसे घातक जंगीबेड़ा INS कलवरी को समुद्र में उतारने की तैयारी में जुट गया है. यह दुनिया के सबसे खतरनाक जंगीबेड़े में शुमार है, जो छुपकर दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है.

दिलचस्प बात यह है कि यह इतने गुपचुप तरीके से हमला करता है कि दुश्मन को भनक भी नहीं लगती है. इसी के चलते इसका नाम समुद्री मछली शार्क मछली 'कलवरी' के नाम पर रखा गया है. भारतीय नैसेना काफी समय के बाद इस जंगीबेड़े को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है.

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 हाल ही में चीन के साथ बढ़े तनाव के बीच भारत ने अपनी समुद्री ताकत बढ़ाने के लिए INS कलवरी पनडुब्बी को समुद्र में उतारने की योजना में हैं.  इससे पहले मई चीन ने भारतीय समुद्री क्षेत्र में पनडुब्बी तैनात कर दी है. युआन क्लास की ये पारंपरिक डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी क्षेत्र में तैनात की जाने वाली 7वीं पनडुब्बी है. भारत की ओर से इस पनडुब्बी को हाल में भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रवेश करते देखा गया.

भारत के समुद्री बेड़े में 15 पनडुब्बियां और चीन के बेड़े में 60 पनडुब्बियां शामिल हैं.चीन की समुद्री ताकत और हिंद महासागर में दिनोदिन बढ़ती दखलंदाजी के चलते भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. लिहाजा भारत चीन से निपटने के लिए यह कदम उठाने जा रहा है. भारतीय नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि मई के महीने में चीन की युआन क्लास की जो डीजल पनडुब्बी हिंद महासागर में दाखिल हुई थी, जो अब भी वहां मौजूद है.

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इससे पहले भारत ने 6 देशों (फ्रांस, जर्मनी, रूस, स्वीडन, स्पेन और जापान) के साथ मिलकर समंदर के अंदर सुरक्षा के लिए सबसे बड़े सौदे की पहल की. इस डील के तहत भारत में 70 हजार करोड़ के लागत से 6 एडवांस्ड स्टेल्थ पनडुब्बियां बनाई जाएंगी. वहीं, चीन के एक सैन्य विशेषज्ञ ने कहा है कि उनका देश डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस नहीं हटाएगा, क्योंकि अगर वह ऐसा करता है तो भारत को भविष्य में उसके लिए समस्या खड़ी करने का प्रोत्साहन मिलेगा.

नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी ऑफ द पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ डिफेंस में सहायक प्राध्यापक यू दोंगशियोम ने कहा कि अगर भारतीय रणनीतिकार और नीति निर्माता यह सोचते हैं कि चीन वापस लौट जाएगा तो वह गलती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों को बिना शर्त तत्काल वापस हो जाना चाहिए.

 

 

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