Advertisement

अमेरिका: पेंसिल्वेनिया सड़क हादसे में एक भारतीय की मौत, शव को भारत भेजने की तैयारी

अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में सड़क हादसे में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई. उसके शव को भारत भेजने की कोशिश की जा रही है. स्थानीय स्तर पर भारतीय समुदाय के लोगों के लिए काम करने वाले एक एनजीओ ने बताया कि भारतीय नागरिक के शव को जल्द से जल्द परिवार के पास भेज दिया जाएगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर. प्रतीकात्मक तस्वीर.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में एक कार एक्सीडेंट में 24 वर्षीय भारतीय नागरिक की मौत हो गई. मृतक की पहचान अरशिया जोशी के रूप में हुई है. उन्होंने पिछले साल ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी. भारतीय कंसुलेट की तरफ से जानकारी दी गई कि वह जोशी के परिवार और स्थानीय समुदाय के नेताओं के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, “उसके पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए हर संभव मदद दी जाएगी.”

Advertisement

एक एनजीओ टीम जोशी के पार्थिव शरीर को उनके परिवार के पास दिल्ली भेजने में मदद कर रही है. टीम एड खासतौर पर उन भारतीय समुदाय के लोगों की मदद करता है जो या तो विदेश यात्रा कर रहे हैं या विदेश में रह रहे हैं. वे उन लोगों का सहयोग करते हैं जो दुर्घटनाओं, आत्महत्याओं, हत्याओं या प्रियजनों की अचानक मृत्यु जैसी गंभीर स्थितियों का सामना करते हैं.

यह भी पढ़ें: अमेरिका में हिंदुओं को कैसे टारगेट कर रहे खालिस्तानी... US में रहने वाले भारतीयों ने FBI-पुलिस को बताया

एनजीओ टीम कर रही परिवार की मदद

टीम एड के संस्थापक मोहन नन्नापनेनी ने बताया, ''दुखद घटनाओं के बीच हम भी दुखी हैं." उन्होंने कहा, पिछले हफ्ते ही, टीम एड ने पांच लोगों के अवशेष भारत भेजे हैं. नन्नापनेनी और उनकी टीम वर्तमान में अमेरिका और कनाडा में मारे गए अपने प्रियजनों के अवशेषों को भारत भेजने में कई और परिवारों की मदद कर रही है.

Advertisement

अमेरिका-कनाडा में जान गंवाने वाले परिवार की करते हैं मदद

दो ट्रक ड्राइवरों के अवशेष भी शामिल हैं जिनकी न्यू मेक्सिको में एक दुर्घटना में दुखद जान चली गई थी. नन्नापनेनी ने कहा, न्यू मैक्सिको में एक युवा ट्रक ड्राइवर की अचानक मृत्यु हो गई और उसके अवशेष अमृतसर भेजे जा रहे हैं. वाशिंगटन के सिएटल में एक होनहार 25 वर्षीय भारतीय छात्र अपने अपार्टमेंट में मृत पाया गया और उसके अवशेष बैंगलोर भेजे जा रहे हैं. 

यह भी पढ़ें: अमेरिका ने 15 दिन पहले ही दी थी चेतावनी, फिर आतंकियों ने मॉस्को के कान्सर्ट हॉल में मचाया कत्लेआम

नन्नापनेनी ने कहा कि उनकी टीम छात्रों और श्रमिकों सहित भारतीय प्रवासियों को मार्गदर्शन और जरूरी मदद प्रदान करती है. उन्होंने कहा, "हर दिन स्वास्थ्य, आप्रवासन, सामाजिक मुद्दों और उससे परे कई अन्य चुनौतियों के साथ-साथ अधिक नुकसान की खबरें आती हैं."

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement