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Indian Wheat: गेहूं पर छिड़े विवाद के बीच मिस्र कर रहा भारत से ये बड़ी डील

रूस, यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है. मिस्र में गेहूं की भारी कमी है. इस वजह से वह 500,000 टन गेहूं का आयात करने के लिए भारत के साथ समझौता कर रहा है. इसके बदले वह भारत को उर्वरक सहित अन्य उत्पाद उपलब्ध कराएगा.

मिस्र के सप्लाई मंत्री अली अल मोसेल्ही मिस्र के सप्लाई मंत्री अली अल मोसेल्ही
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2022,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST
  • रूस, यूक्रेन युद्ध से दुनियाभर में गेहूं संकट
  • भारत से स्वैप समझौते के तहत गेहूं आयात करेगा मिस्र

गेहूं संकट से जूझ रहा मिस्र, भारत से गेहूं आयात करने के लिए एक समझौते पर बातचीत कर रहा है. 

ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में मिस्र के सप्लाई मंत्री अली अल-मोसेल्ही के हवाले से बताया कि मिस्र, भारत के साथ स्वैप डील (सामानों की अदला-बदली का समझौता) कर सकता है.

इसके तहत मिस्र गेहूं के आयात के बदले भारत को उर्वरक जैसे उत्पादों का निर्यात करेगा. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, मोसेल्ही ने बुधवार को काहिरा में मिस्र में भारत के राजदूत से मुलाकात की. इस दौरान भारत से  500,000 टन गेहूं के आयात समझौते पर चर्चा की गई.

बता दें कि भारत सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया था. देश में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए यह फैसला लिया गया था. हालांकि, बाद में इस प्रतिबंध में कुछ छूट भी दी गई थी.

हालांकि, गेहूं के आयात पर बैन फिर भी एक चुनौती बना हुआ है.

मिस्र सरकार गेहूं के आयात को लेकर सऊदी अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के साथ भी बातचीत कर रही है. 

मिस्र विश्व में गेहूं के सबसे बड़े आयातकों में से एक है. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से दुनिया भर में गेहूं की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. इससे प्रभावित होने वाले देशों में मिस्र भी है.

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यूक्रेन पर रूस के हमले से अन्य जरूरी सामानों की भी सप्लाई बाधित हुई है.

भारत रूस के तेल का बड़ा खरीदार बनकर उभरा है. रूस के पारंपरिक ग्राहकों ने उस पर प्रतिबंध लगा रखे हैं. यही वजह है कि भारत भारी छूट पर रूस का तेल खरीद रहा है.

पिछले महीने भारत को रूस के तेल खरीद पर 35 फीसदी से अधिक की छूट मिली थी.

इससे पहले तुर्की ने रुबेला वायरस का हवाला देकर भारत का गेहूं ठुकरा दिया था. 

हालांकि, इस मामले पर बाद में भारत सरकार ने खुलासा किया था कि गेहूं की खेप हॉलैंड जानी थी लेकिन यह तुर्की चली गई.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि इस खेप को किसने और कब तुर्की के लिए मोड़ दिया था. 

बता दें कि तुर्की को भेजी गई गेहूं की खेप सीधे भारत से निर्यात नहीं की गई थी. इसे भारतीय कंपनी आईटीसी लिमिटेड ने नीदरलैंड की एक कंपनी को बेच दिया था. उसके बाद ये तुर्की पहुंचा था.

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