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कॉलेज पासआउट है 24 साल का ये भारतवंशी, अब अमेरिकी सीनेट का लड़ेगा चुनाव

अमेरिका की सियासत में एक और भारतवंशी अपनी किस्मत आजमाने उतर रहा है. 24 साल के अश्विन रामास्वामी जॉर्जिया में स्टेट सीनेटर का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. रामास्वामी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पार्टी डेमोक्रेट से चुनाव लड़ेंगे.

अश्विन रामास्वामी. अश्विन रामास्वामी.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:10 PM IST

अमेरिका की राजनीति में अब भारतवंशी युवा भी किस तरह से बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, इसका उदाहरण अश्विन रामास्वामी हैं. 

अश्विन अभी 24 साल के हैं और इस साल जॉर्जिया से सीनेट का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. चुनाव लड़ने वाले अश्विन 'Gen Z' से पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं. Gen Z उसे कहा जाता है जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ हो.

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अश्विन रामास्वामी डेमोक्रेट से जॉर्जिया के डिस्ट्रिक्ट-48 से स्टेट सीनेट का चुनाव लड़ेंगे. अभी यहां से रिपब्लिकन पार्टी के शॉन स्टिल सांसद हैं. शॉन स्टिल जनवरी 2020 में कैपिटल हिल में हुई हिंसा का आरोप भी है. इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी आरोपी बनाया गया है. डिस्ट्रिक्ट-48 में जॉन्स क्रीक, सुवानी, अल्फारेटा, कमिंग, शुगर हिल और बफोर्ड आता है.

1990 में अमेरिका आया था परिवार

रामास्वामी के माता-पिता 1990 में तमिलनाडु से अमेरिका आ गया था. उन्होंने 2021 में ही स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई की है. कम्प्यूटर साइंस के साथ-साथ उनके पास कानून की भी डिग्री है.

उनके माता-पिता, दोनों ही आईटी सेक्टर से आते हैं. रामास्वामी रामायण, महाभारत और भगवदगीता जैसे धार्मिक ग्रंथ पढ़कर बड़े हुए हैं.

उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बताया, '1990 में मेरे माता-पिता अमेरिका आ गए थे. वो दोनों तमिलनाडु से आए थे. मेरी मां चेन्नई से हैं और मेरे पिता कोयंबटूर से हैं. मैं भारतीय संस्कृति के साथ-साथ अमेरिकी कल्चर के साथ भी बड़ा हुआ हूं. मैं एक हिंदू हूं और मुझे भारतीय संस्कृति दर्शन में बहुत रुचि रही है.'

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उन्होंने बताया, 'मैं जब कॉलेज में था, तब मैंने संस्कृत सीखी और बहुत सारे प्राचीन ग्रंथ पढ़े और पुराण-उपनिषद पढ़ने में मेरी बहुत रुचि हो गई. मेरा पूरा जीवन योग और ध्यान में शामिल रहा.'

पढ़ाई पूरी होने के बाद रामास्वामी साइबर सिक्योरिटी पर सरकारी एजेंसी के साथ काम करने लगे थे. उन्होंने बताया कि स्टेनफोर्ड से कम्प्यूटर साइंस में ग्रेजुएट होने के बाद कई स्टार्टअप में काम किया, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हो गया है कि सरकार में टेक समझने वाले और ज्यादा लोगों की जरूरत है, इसलिए उन्होंने साइबर सिक्योरिटी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (CISA) में काम शुरू किया.

क्यों लड़ना चाहते हैं चुनाव?

उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैं अपने समुदाय का आभार जताने और उनकी सेवा करने के लिए स्टेट सीनेट का चुनाव लड़ रहा हूं. मैं ये सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हर किसी को वही अवसर जो मुझे बड़े होने पर मिले थे.'

उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि हमारे पास एक नई आवाज हो, युवा हों, जो राजनीति में बगैर किसी पृष्ठभूमि के आते हैं, क्योंकि ये जरूरी है कि हमारे पास ऐसे लोग हों जो हमारा प्रतिनिधित्व करें, न कि सिर्फ ऐसे लोग जो इसे करने में सक्षम हों.'

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रामास्वामी ने बताया कि हर किसी को क्वालिटी एजुकेशन मिलना चाहिए. हम चाहते हैं कि सभी लोगों के पास नौकरी हो, एंटरप्रेन्योरशिप के साथ-साथ हेल्थकेयर और रिप्रोडक्टिव राइट्स तक भी पहुंच हो.

उन्होंने कहा, पब्लिक सेफ्टी भी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारे लोग सुरक्षित रहें. हम असल में स्कूल में गोलीबारी जैसी घटनाओं को रोकना चाहते हैं.

अगर अश्विन रामास्वामी स्टेट सीनेट का चुनाव जीत जाते हैं तो वो पहले सीनेटर बनने वाले पहले Gen Z होंगे. साथ-साथ कम्प्यूटर साइंस और कानून, दोनों की डिग्री रखने वाले एकमात्र सीनेटर होंगे. इतना ही नहीं, वो जॉर्जिया के पहले भारतीय अमेरिकी सीनेटर भी होंगे.

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