
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और भारतीय मूल के अमेरिकी वकील ने बाइडेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमेरिकी मूल के वकील काश पटेल (Kash Patel) ने अपनी किताब में अमेरिकी नौकरशाही को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों ने सरकार की धज्जियां उड़ाई हैं.
उन्होंने अपनी किताब 'गवर्मेंट गैंगस्टर' में कहा है कि अमेरिकी सरकार में कानून तोड़ने वालों की संख्या बहुत है. अमेरिकी नौकरशाही में एक ऐसे वर्ग का बोलबाला है, जो खुद कानूनों का उल्लंघन करते हैं.
ट्रंप के कार्यकाल में कार्यवाहक रक्षा मंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके पटेल ने कहा कि इस किताब को लिखने का मकसद यह था कि 16 साल तक सरकार में रहने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि सरकार में ऐसे लोगों की कोई जवाबदेही नहीं है, जो कानूनों का उल्लंघन करते हैं.
किताब में अमेरिकी सरकार के काले चिट्ठे!
43 साल के काश पटेल ने कहा कि यह किताब लिखने के पीछे का मकसद था कि मैंने दोनों पार्टियों (डेमोक्रेट और रिपब्लिकन) की सरकारों में 16 साल तक काम किया है. इस दौरान मुझे समझ में आ गया कि सरकार में उन लोगों की जवाबदेही की भारी कमी है, जिन्होंने पद पर रहते हुए कानूनों को तोड़ा है.
पटेल ने कहा कि मैंने सोचा कि जो मैंने देखा और महसूस किया है, उसे सबके सामने लाना चाहिए. इसी वजह से मैंने किताब लिखने का फैसला किया. मेरी कोशिश थी कि सरकार में प्रभावशाली पदों पर बैठे ऐसे लोगों को बेनकाब किया जाए.
बाइडेन सरकार भ्रष्ट और गवर्मेंट गैंगस्टर से भरी हुई
उन्होंने कहा कि बाइडेन सराकर और प्रभावशाली पदों पर बैठे ऐसे लोगों के बीच एक सांठगांठ है. बाइडेन सरकार भ्रष्ट और गवर्नमेंट गैंगस्टर से भरी हुई है, जिन्हें मैंने अपनी किताब में लिस्टिड किया है.
किताब में कई सनसनीखेज आरोप लगाए गए हैं. पटेल ने किताब में कहा है कि बाइडेन सरकार भ्रष्ट सरकारी गैंगस्टर्स से भरी हुई है. उदाहरण के लिए अपराधियों को ढूंढने के लिए एफबीआई लोगों को मंदिरों और चर्चों में भेजती है. एफबीआई मुफ्त शिक्षा प्रणाली की पैरवी करने वालों को गिरफ्तार करने के लिए स्कूल बोर्ड भेज रही है.
पीएम मोदी ने क्या बोले काश पटेल?
पटेल ने अपनी किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने ग्लोबल विजन को लेकर बेहतरीन काम किया है. फिलहाल भारत ब्रिक्स संगठन को अधिक तरजीह दे रहा है. वह अमेरिकी संबंधों की तुलना में ब्रिक्स को अहमियत दे रहा है. यह राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा भारत के साथ संबंधों को प्राथमिकता नहीं देने का सीधा परिणाम है.