
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर कनाडा से जारी तनाव और अमेरिका की ओर से लगाए गए गंभीर आरोपों के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में इस पर प्रतिक्रिया दी है.
कनाडा और अमेरिका की ओर से लगाए गए गंभीर आरोपों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों की ओर से लगाए गए आरोपों पर एक तरह की कार्रवाई करने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि एक देश ने भारत सरकार को इनपुट उपलब्ध कराए हैं, जबकि दूसरे ने ऐसा नहीं किया था.
दरअसल, हाल ही में अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा था कि 52 साल का एक भारतीय नागरिक जो भारत सरकार का कर्मचारी भी है. उसने उत्तरी भारत में एक अलग सिख राष्ट्र की वकालत करने वाले न्यूयार्क शहर के निवासी (पन्नू) की हत्या की साजिश रची थी. वहीं, सितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया था कि जून 2023 में कनाडा ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सर्रे शहर में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर में भारत सरकार का हाथ है.
कनाडा और अमेरिका की ओर से लगाए गए आरोपों पर भारत सरकार ने जो प्रतिक्रिया दी है, वह बिल्कुल अलग-अलग है. कनाडा के आरोपों को जहां भारत सरकार ने मोटिवेटेड और बेतुका करार दिया था. वहीं, अमेरिका के आरोपों पर भारत सरकार ने कहा है कि वह सुरक्षा मामलों पर अमेरिका से मिलने वाली सूचनाओं को गंभीरता से लेता है, क्योंकि वे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर भी असर डालते हैं.
एक तरह का व्यवहार का कोई सवाल ही नहीं
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए जयशंकर ने कहा, "अमेरिका और कनाडा दोनों देशों ने भारतीय अधिकारी पर खालिस्तानी आतंकवादियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. एक देश ने भारत को इनपुट दिया है, जबकि दूसरे ने नहीं. ऐसे में दोनों देशों के साथ एक तरह का व्यवहार का कोई सवाल ही नहीं है."
प्रश्नकाल के दौरान जॉन ब्रिटास ने पूछा था कि क्या सच में हमारी ओर से कनाडा और अमेरिका के साथ न्यायसंगत व्यवहार नहीं हो रहा है?
जांच समिति का गठन किया गयाः जयशंकर
संसद में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा, "जहां तक अमेरिका का सवाल है, सुरक्षा सहयोग के तहत अमेरिका की ओर से हमें कुछ इनपुट दिए गए थे. जो इनपुट हमें दिए गए, वे हमारे लिए चिंता का विषय है. क्योंकि उस इनपुट का संबंध संगठित अपराध, तस्करी, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से है. इसका असर हमारी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी पड़ता है. इसलिए इस मामले की जांच कराने का निर्णय लिया गया और एक जांच समिति का गठन किया गया है.
जहां तक कनाडा का सवाल है, कनाडा की ओर से हमें कोई विशिष्ट साक्ष्य या इनपुट नहीं उपलब्ध कराया गया. ऐसे में दोनों देशों के साथ एक तरह से पेश आने का कोई सवाल ही नहीं उठता."
कनाडा और अमेरिका के आरापों पर प्रतिक्रिया अलग-अलग
कनाडा के आरोपों पर दी गई प्रतिक्रिया की तुलना अगर अमेरिकी आरोपों पर दी गई प्रतिक्रिया से की जाए तो यह बिल्कुल ही अलग है.
कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों और टूडो के आरोपों से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि कनाडा आतंकवादी गतिविधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है. कनाडा को अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बारे में सोचने की जरूरत है. आमतौर पर इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए किया जाता रहा है.
वहीं, अमेरिका की ओर से लगाए गए आरोपों पर अरिंदम बागची ने कहा कि भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर हालिया चर्चा के दौरान अमेरिका ने संगठित अपराध, आतंकवाद और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए गए थे. भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है.