Advertisement

'उनकी जुल्फें दिख रही थीं...', मुस्लिम देश में 14 लड़कियों के साथ शर्मनाक हरकत

इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल देश हैं जहां धार्मिक असहिष्णुता के मामले बढ़ते जा रहे हैं. मानवाधिकार समूह कहते रहे हैं कि इंडोनेशिया के स्कूलों में छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां स्कूल ने अपनी छात्राओं के साथ क्रूर हरकत की है.

इंडोनेशिया के कई इलाकों में छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाता रहा है (Representational Image-PTI) इंडोनेशिया के कई इलाकों में छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाता रहा है (Representational Image-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 4:18 PM IST

मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में 14 मुस्लिम लड़कियों के सिर सिर्फ इसलिए मुंडवा दिए गए क्योंकि कथित तौर पर उन्होंने सही ढंग से हिजाब नहीं पहना था. यह मामला एक इंडोनेशियाई स्कूल का है जहां छात्राओं पर गलत ढंग से हिजाब पहनने का आरोप लगाकर उनके सिर मुंडवा दिए गए. सोमवार को स्कूल के हेडमास्टर ने इस घटना की जानकारी दी.

समाचार एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि 27 करोड़ की आबादी वाले देश के रूढ़िवादी इलाकों में मुस्लिम और गैर-मुस्लिम लड़कियों को वर्षों से हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाता रहा है. इंडोनेशिया में साल 2021 में धार्मिक ड्रेस कोड पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, फिर भी वहां कई इलाकों में लड़कियों को इस तरह का ड्रेस कोड फॉलो करने के लिए मजबूर किया जाता है.

Advertisement

'उनके बाल दिखते थे इसलिए...'

मामला पूर्वी जावा के लामोंगन शहर में सरकारी जूनियर हाई स्कूल SMPN 1 का है जहां बीते बुधवार को एक शिक्षक ने शिकायत की थी कि 14 लड़कियों ने ठीक ढंग से हिजाब नहीं पहना है. इसके बाद शिक्षक के कहने पर सभी 14 लड़कियों के बाल काट दिए. स्कूल के हेडमास्टर हार्टो ने कहा कि इस घटना के लिए स्कूल ने माफी मांगी है और शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि जिन छात्राओं के बाल काटे गए वो हिजाब के अंदर पहनी जाने वाली टोपी नहीं पहनती थीं जिस कारण उनकी जुल्फें दिखती थीं. 

हार्टो ने कहा, 'ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि छात्राओं को हिजाब पहनना ही है लेकिन स्कूल में साफ-सुथरा दिखने के लिए सलाह दी गई थी कि वो हिजाब के अंदर पहनी जानी वाली टोपी पहनें. बाल काटे जाने को लेकर हमने छात्राओं के माता-पिता से माफी मांगी है और मध्यस्थता के बाद हमारे बीच आम सहमति बन गई है.'  

Advertisement

इस घटना से छात्राओं के मानसिक सेहत पर असर पड़ सकता है जिसे लेकर स्कूल का कहना है कि वह छात्राओं को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करेगा.

मानवाधिकार समूह क्या बोले?

इंडोनेशिया के मानवाधिकार समूहों ने शिक्षक को बर्खास्त करने की मांग की थी. ह्यूमन राइट्स वॉच के इंडोनेशिया रिसर्चर एंड्रियास हरसोनो ने एक बयान में कहा, 'लमोंगन का मामला शायद इंडोनेशिया में अब तक का सबसे डराने वाला मामला है.'

उन्होंने आगे कहा, 'किसी भी शिक्षक को अपने छात्राओं के बाल काटने की मंजूरी नहीं है. लमोंगन में शिक्षा कार्यालय को इस शिक्षक पर कार्रवाई करनी चाहिए, कम से कम उसे स्कूल से हटा देना चाहिए. पीड़ित छात्राओं को इस घटना से आघात लगा है इसलिए उनके लिए मनोवैज्ञानिकों को नियुक्त करना चाहिए.'

ह्यूमन राइट्स वॉच ने 2021 की एक रिपोर्ट में कहा था कि कुछ स्कूली छात्राओं के हिजाब सही ढंग से न पहनने पर उनके हिजाब काट दिए गए. वहीं, कुछ को हिजाब न पहनने के लिए सजा दी गई और स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया.

ईसाई छात्रा को जब हिजाब पहनने के लिए किया मजबूर!

इंडोनेशिया में छह प्रमुख धर्मों को मान्यता दी गई है लेकिन मुस्लिम बहुल देश में धार्मिक असहिष्णुता तेजी से बढ़ रही है.

साल 2021 में पश्चिमी सुमात्रा के एक स्कूल ने ईसाई छात्रा पर हिजाब पहनने का दबाव बनाया था. जब बार-बार कहने के बाद भी छात्रा ने हिजाब पहनने से इनकार कर दिया तब स्कूल प्रशासन ने उसके माता-पिता को बुलाया था.

Advertisement

माता-पिता ने अधिकारियों से मुलाकात के दौरान गुप्त रूप से बातचीत का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. वीडियो वायरल होने के बाद इंडोनेशिया में इस मामले ने तूल पकड़ लिया. वायरल  वीडियो में स्कूल के अधिकारी कह रहे थे कि स्कूल के नियमों के मुताबिक, सभी मुस्लिम और गैर-मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनना अनिवार्य है.

इस मामले को लेकर स्कूल और इंडोनेशिया की सरकार को काफी आलोचना झेलनी पड़ी जिसके बाद फरवरी 2021 में इंडोनेशिया के स्कूलों में धार्मिक कपड़े पहनने की अनिवार्यता पर रोक लगा दी गई. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement