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इंडोनेशिया में शादी से पहले 'सेक्स' होगा बैन, उल्लंघन करने वाले जाएंगे सीधा जेल!

इंडोनेशिया सरकार जल्द ही देश में बड़ी सख्ती लागू करने जा रही है. इंडोनेशिया में शादी से पहले किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाना या शादी के बाद किसी पराए पुरुष व महिला के साथ सेक्स संबंध रखना अब अपराध माना जाएगा. जल्द ही इंडोनेशिया सदन इस नए कानून को मान्यता देने की तैयारी में है.

शादी पहले सेक्स करने वाले जाएंगे जेल शादी पहले सेक्स करने वाले जाएंगे जेल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST

इंडोनेशिया सरकार एक बड़ा फैसला लेने जा रही है. जल्द ही इंडोनेशिया में शादी से पहले या शादी के बाद किसी पराए पुरुष व महिला के साथ सेक्स करना बैन हो जाएगा. नए कानून के अनुसार, सिर्फ पति और पत्नी को ही शारीरिक संबंध बनाने का अधिकार होगा. ऐसे में अगर शादीशुदा या कोई अविवाहित महिला या पुरुष इस कानून का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें एक साल के लिए जेल जाना पड़ सकता है. साथ ही उनपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

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अभी इंडोनेशिया सरकार ने इस नए कानून के प्रस्ताव का ड्राफ्ट तैयार किया है और जल्द ही इंडोनेशिया सरकार इसे सदन में पेश करने के बाद नए कानून को अमल में लाने की तैयारी कर रही है. इंडोनेशियाई आम सदन के एक सदस्य बैमबैंग वुर्यांतो ने रॉयटर्स को बताया कि यह नया कानून अगले सप्ताह के शुरुआती दिनों में पारित कर दिया जाएगा.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी अपने पति या पत्नी के अलावा किसी ओर से के साथ भी शारीरिक संबंध बना रहा तो उसे अधिकतम एक साल की कैद या जुर्माना देना पड़ सकता है. ऐसी ही कार्रवाई उन लोगों के साथ भी होगी, जो बिना शादी करे ही एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करेंगे.

हालांकि, इस मामले में कार्रवाई तब की जाएगी, जब कोई महिला या पुरुष अपने पार्टनर के खिलाफ या ऐसा करने वाले अविवाहितों के माता-पिता अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे. कोर्ट में ट्रायल चलने से पहले शिकायत वापस ली जा सकती है. लेकिन अगर कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया तो कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

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तीन साल पहले भी मचा था इंडोनेशिया में बवाल

इंडोनेशिया में करीब तीन साल पहले भी इस कानून को लागू करने की तैयारी की जा रही थी. लेकिन इसके खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे थे, जिस वजह से सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे. उस समय प्रदर्शन करने वाले लोगों ने इस कानून को 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' का हनन बताया था.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया के डिप्टी जस्टिस मिनिस्टर एडवर्ड ओमर शरीफ ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से इस बारे में बातचीत की. ओमर शरीफ ने कहा कि इस फैसले पर हमें गर्व हैं, क्योंकि यह इंडोनेशियाई मूल्यों को दर्शाता है.

खास बात है कि बड़े स्तर पर पर्यटकों के स्वागत करने वाले इंडोनेशिया में अगर यह प्रस्ताव कानून बना तो ना सिर्फ इंडोनेशियाई नागरिकों बल्कि यहां आने वाले विदेशियों पर भी लागू होगा. इसी वजह से इंडोनेशिया के कई कारोबारी समूहों ने इसपर चिंता भी जताई है. उनका मानना है कि सरकार के इस कदम का ना सिर्फ टूरिज्म बल्कि निवेशकों पर भी असर पड़ सकता है. 

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