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गिराया था अमेरिका का ड्रोन, डोनाल्ड ट्रंप बोले- ईरान ने की बड़ी गलती

अमेरिका और ईरान के बीच पिछले काफी वक्त से तनाव के हालात देखे जा रहे हैं. हाल ही में ईरान की मीडिया ने दावा किया कि ईरान की सेना ने अमेरिकी ड्रोन को गिरा दिया. जिसके जवाब में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2019,
  • अपडेटेड 9:14 PM IST

अमेरिका और ईरान के बीच पिछले काफी वक्त से तनाव के हालात देखे जा रहे हैं. हाल ही में ईरान की मीडिया ने दावा किया कि उसकी सेना ने अमेरिकी ड्रोन को गिरा दिया है. जिसके जवाब में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को जवाब देते हुए ट्वीट किया है कि ईरान ने बहुत बड़ी गलती कर दी है.

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ईरान के समाचार एजेंसी के मुताबिक, रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी ड्रोन को गोली मारकर गिराया. तब इस घटना पर अमेरिकी सेना ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी थी. लेकिन अब ट्रंप के बयान के बाद से साफ है कि दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है. इससे पहले अमेरिकी सेना ने ओमान की खाड़ी में 13 जून को तेल के दो टैंकरों पर हमले के लिए ईरान पर आरोप लगाया था. हालांकि ईरान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था.

डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल मई में परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर दिया था और ईरान पर ऊर्जा और आर्थिक प्रतिबंध दोबारा लगा दिए थे. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. ईरान के खतरों के बहाने अमेरिका ने पिछले कुछ सप्ताहों में क्षेत्र में भारी मात्रा में सेना तैनात कर दी है. पेंटागन ने सोमवार को मध्य एशिया में 1,000 अन्य सैनिकों को तैनात करने की घोषणा की थी. वॉशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव पिछले सप्ताह ओमान की खाड़ी में तेल के दो टैंकरों पर हमले होने और ईरान की 2015 परमाणु समझौते को ना मानने की धमकी देने के बाद बढ़ गया.

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वहीं, अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव पर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा था कि उनका देश किसी देश से युद्ध नहीं चाहता. उन्होंने हालांकि जोर देकर कहा कि अपने खिलाफ होने वाले वाली किसी भी युद्ध में अंत में ईरान ही जीतेगा. रूहानी ने कहा, 'हम किसी देश के साथ युद्ध नहीं छेड़ेंगे, जो हमारे सामने हैं वे कम अनुभव वाले राजनीतिज्ञों का एक समूह है.' प्रेस टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, रूहानी का यह बयान अमेरिकी रक्षा सचिव पैट्रिक शैनाहन द्वारा मध्य पूर्व में 1,000 और सैनिकों को तैनात करने की घोषणा के अगले दिन आया था.

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