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ईरान: बिना हिजाब पहने खेला था शतरंज, अब देश छोड़ने को हुई मजबूर महिला खिलाड़ी

ईरान की कट्टरपंथी सरकार के डर से 25 साल की शतरंज खिलाड़ी सारा खादेम की अपने पति के साथ स्पेन में बसने की योजना है. उनके पति एक फिल्म निर्देशक हैं. दोनों का एक बच्चा है. दंपति का स्पेन में खुद का एक अपार्टमेंट भी है. लेकिन इनकी सुरक्षा के मद्देनजर इसकी लोकेशन उजागर नहीं की गई है. 

सारा खादेम सारा खादेम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

अंतरराष्ट्रीय चेस टूर्नामेंट में बिना हिजाब के हिस्सा लेने वाली ईरान की एक महिला शतरंज खिलाड़ी ने देश छोड़कर स्पेन जाने का फैसला किया है. ईरान की कट्टरपंथी सरकार के डर से 25 साल की सारा खादेम ने यह फैसला किया है. 

स्पेन के एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, सारा अपने पति के साथ स्पेन में बसने की योजना बना रही हैं. उनके पति एक फिल्म निर्देशक हैं. दोनों का एक बच्चा भी है. दंपति का स्पेन में खुद का एक अपार्टमेंट भी है. लेकिन इनकी सुरक्षा के मद्देनजर इसकी लोकेशन उजागर नहीं की गई है. 

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सूत्रों का कहना है कि सारा को पता है कि अगर वह ईरान लौटेंगी तो उसकी जान को खतरा है. दरअसल बिना हिजाब के चेस टूर्नामेंट में हिस्सा लेती उसकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं.  

बता दें क सारा ने 28 दिसंबर को कजाकिस्तान में हुए अंतरराष्ट्रीय चेस टूर्नामेंट में हिजाब पहने बिना हिस्सा लिया था. यह कोई पहला मामला नहीं है कि जब किसी महिला खिलाड़ी ने बिना हिजाब पहने अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है. इससे पहले अक्टूबर में ईरानी पर्वतारोही एल्नाज रेकाबी भी बिना हिजाब के मैदान पर दिखाई दी थीं. हालांकि, विवाद बढ़ने पर उसने कहा था कि खेल के दौरान गलती से उसका हिजाब गिर गया था.

कौन है सारा खादेम?

सारा का जन्म 1997 में हुआ था. शतरंज में विश्व खिलाड़ियों की सूची में वह 804वें स्थान पर है. ईरान में वह 10वें पायदान पर है. 

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बता दें कि ईरान में इस साल सितंबर महीने से ही हिजाब के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन चल रहा है. 22 साल की महसा अमीनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने उसे 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि तेहरान में अमीनी ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है. अमीनी को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां तबीयत बिगड़ी तो अमीनी को अस्पताल ले जाया गया. तीन दिन बाद खबर आई कि उनकी मौत हो गई.

बता दें कि हिजाब के विरोध में ईरान में शुरू हुई प्रदर्शन की यह आग दुनियाभर के कई देशों तक फैली और लोग हिजाब के विरोध में खुलकर सामने आए. महसा अमीनी को इस आंदोलन की बयार माना गया और पुलिस हिरासत में उसकी हत्या के खिलाफ ईरान की वैश्विक मंच पर निंदा हुई. 

 

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