
ईरान में पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब सीरिया सहित अन्य मुस्लिम देशों में भी फैल रहा है. इतना ही नहीं, हिजाब के विरोध में यह प्रदर्शन भौगोलिक सीमाओं को पार करता हुए यूरोप की दहलीज तक पहुंच गया है. अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ग्रीस, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, इटली, स्पेन, जर्मनी, इराक, लेबनान और तुर्की में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं. फ्रांस और लंदन की सड़कों पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे हैं.
नागरिक अधिकार समूह का कहना है कि सुरक्षाबलों के साथ झड़प में ईरान में अब तक 75 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है. तेहरान में तानाशाह की मौत के नारे लगाए जा रहे हैं. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खमेनेई के तीन दशक पुराने शासन को खत्म करने की मांग जोरों पर है.
अमिनी की मौत को लेकर शुरू हुआ यह विरोध ईरान के 46 शहरों, कस्बों और गांवों तक पहुंच गया है. अब तक 1200 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
हिजाब विरोधी प्रदर्शन अन्य मुस्लिम देशों में भी फैल रहा
हिजाब के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन देश की सीमाओं को पार करता हुआ अन्य मुस्लिम देशों तक भी पहुंच गया है. सीरिया के पूर्वोत्तर शहर हसाकाह (Hasakah) में कुर्दिश महिलाएं महसा अमिनी के समर्थन में सड़कों पर उतर आई हैं. महिलाओं ने अपने हिजाब और स्कार्फ उतार फेंके हैं या उन्हें जला दिया है. वे प्लेकार्ड लिए ईरान के सख्त और भेदभावपूर्ण नियमों को चुनौती दे रही हैं. वे नारे लगा रही हैं कि इनफ इज इजफ (अब बहुत हो चुका). ईरान के पड़ोसी देशों में यह विरोध फैल रहा है.
महिलाओं का कहना है कि अमिनी की मौत के लिए जिम्मेदार सिस्टम को कटघरे में खड़ा करना जरूरी है. ईरान के इस भेदभावपूर्ण ड्रेस कोड के खिलाफ महिलाएं लामबंद हुई हैं.
सीरिया में वीमेंस एसोसिएशन की कॉर्डिनेटर कूगर हुसैन ने कहा कि आज हम दुनिया को यह बताने कि लिए एकजुट हुए हैं कि अब बहुत हो गया. अब और महिलाओं की मौत नहीं होगी, महिलाओं पर और जुल्म नहीं होंगे. हम ईरान की सरकार और हिजाब के विरोध में एकजुट खड़े हैं.
फ्रांस और लंदन में हिजाब विरोधी प्रदर्शन
हिजाब के विरोध में पेरिस में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. पेरिस में ईरान के दूतावास के बाहर लोगों का जमावड़ा हो रहा है. ये लोग ईरान पुलिस पर अमिनी की मौत का आरोप लगाकर नारेबाजी कर रहे हैं. सिर्फ पेरिस ही नहीं बल्कि लंदन की सड़कों पर भी यह विरोध प्रदर्शन देखा जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन में ईरान के दूतावास के बाहर प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हो गई.
ईरान एंटी हिजाब प्रदर्शन को अमेरिका का समर्थन
अमेरिका ने ईरान में हिजाब के विरोध में हो रहे प्रदर्शन का समर्थन करने की बात कही है. पिछले हफ्ते अमेरिका ने ईरान की मौरेलिटी पुलिस पर प्रतिबंध भी लगाए हैं. अमेरिका ने अमिनी की मौत के लिए मौरेलिटी पुलिस को जिम्मेदार भी ठहराया है.
वहीं, ईरान ने अमेरिका पर ईरान की स्थिरता और सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है.
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अवसरवादी ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करने के प्रयास कर रहे हैं लेकिन उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
हदीस नजफी ईरानी सुरक्षाबलों की गोली का शिकार
ईरान में अमिनी के समर्थन और हिजाब के विरोध में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाली 20 साल की ईरान महिला हदीस नजफी को सुरक्षाबलों ने गोली मार दी. उन्हें सुरक्षाबलों ने छह गोलियां मारी, जिससे उनकी मौत हो गई.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार रात को कराज शहर में ईरानी सुरक्षाबलों की गोलीबारी में नजफी की मौत हो गई. सुरक्षाबलों ने उनके चेहरे, गर्दन और छाती पर छह गोलियां मारी. उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
बता दें कि ईरान में इन प्रदर्शनों की वजह 22 साल की महसा अमिनी हैं. महसा अमिनी अब इस दुनिया में नहीं हैं. 16 सितंबर को उनकी मौत हो गई. महसा अमिनी को 13 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. आरोप था कि तेहरान में अमिनी ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था. जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है. अमिनी को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां तबीयत बिगड़ी तो अमिनी को अस्पताल ले जाया गया. तीन दिन बाद खबर आई कि अमिनी की मौत हो गई.