
मंगलवार रात 10 बजे... यह वो समय था, जब ईरान ने इजरायल पर अंधाधुंध 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागकर खलबली मचा दी. इजरायल के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को बॉम्ब शेल्टर्स में शरण लेनी पड़ी. ईरान ने इन हमलों के साथ दो टूक कहा कि उसने हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और इस्माइल हानिया की मौत का बदला लिया है. लेकिन क्या सच वास्तव में यही है? सवाल उठने लगे हैं कि 180 से ज्यादा मिसाइलें दागने के बावजूद जमीनी स्तर पर उसका इंपैक्ट इतना क्यों नहीं दिखाई दिया?
ईरान के हमले के दौरान इजरायल में जेरूशलम से लेकर जॉर्डन वैली तक ब्लास्ट की आवाजें सुनाई दी. इजरायली सेना ने कहा कि इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से एक्टिव था. अमेरिका और ब्रिटेन ने भी इजरायल की रक्षा में मुस्तैदी दिखाकर मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया.
इन हमलों के बाद जेरूशलम के पास एक सीक्रेट बंकर में नेतन्याहू की अध्यक्षता में सिक्योरिटी कैबिनेट मीटिंग हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने चेताया कि ईरान ने आज रात बड़ी गलती कर दी है और उसे इसका हर्जाना भरना पड़ेगा. नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल पर ईरान का हमला पूरी तरह से असफल रहा. इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम की वजह से ईरान के हमले को नेस्तनाबूद कर दिया गया.
क्या इजरायल पर ईरान का हमला Eyewash था?
लेकिन अब सार्वजनिक तौर पर खुलकर कहा जाने लगा है कि ईरान की ओर से 181 मिसाइलें दागे जाने पर कोई बड़ा नुकसान क्यों नहीं हुआ? इस हमले में सिर्फ एक शख्स मारा गया है जबकि कुछ लोग घायल हुए हैं. यह कैसे संभव है? ऐसे में यह सोचना लाजिमी हो जाता है कि क्या ईरान का यह हमला महज एक आईवॉश था या कुछ और?
इन सवालों का जवाब ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बगेरी के इस बयान में छिपा है, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर इजरायल ने उनके इस अटैक का जवाब दिया तो ईरान उनके सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाकर दोगुनी ताकत से हमला करेगा.
उन्होंने कहा कि ईरान दोगुने ताकत से इजरायली सरकार के सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर को नष्ट कर देगा. इसका साफ-साफ मतलब निकाला जा सकता है कि ईरान ने मंगलवार रात को इजरायल पर जो हमले किए, वह महज एक दिखावा और ढकोसला था.
एक और महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि इजरायल पर हमले के लिए ईरान ने जिन मिसाइलों का इस्तेमाल किया है, वह Fattah मिसाइलें थी, जिन्हें ईरान ने स्थानीय स्तर पर ही बनाया था. ईरान ने इन मिसाइलों का इस्तेमाल पहली बार किया है. ऐसे में एक्सपर्ट्स ये भी कह रहे हैं कि हो सकता है कि इन मिसाइलों की मारक क्षमता ज्यादा ना हो. इन मिसाइलों से ज्यादा तबाही इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि इनकी मारक क्षमता उस स्तर की नहीं थी, जिससे बड़ा नुकसान हो सके.
क्या ईरान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी?
बीते कई महीनों से इजरायल की आक्रामकता बढ़ी है. वह एक-एक कर अपने दुश्मनों को निशाना बना रहा है. हमास चीफ हानिया के खात्मे के बाद इजरायल ने हाल ही में हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह समेत रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरोशान को मार गिराया था. ऐसे में ईरान के सामने अपनी प्रतिष्ठा को बचाए रखने की भी चुनौती थी. वह किसी भी हालत में यह दिखाना चाहता था कि इजरायल द्वारा उसके बड़े नेताओं को निशाना बनाए जाने पर वह चुप नहीं बैठेगा.
एक और बड़ी वजह ईरान में बढ़ता असंतोष भी था. ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह और इससे पहले हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत से ईरान में भारी असंतोष था. ईरानी लोगों और हिज्बुल्लाह समर्थकों को लग रहा था कि इजरायल की बढ़ती आक्रामकता के बाद भी ईरान हाथ पर हाथ रखकर बैठा है. ऐसे में ईरान पर एक्शन का दबाव था.
अमेरिका और ब्रिटेन की फौरी मदद से भी ईरान पस्त
अमेरिका लगातार ईरान को चेतावनी दे रहा था कि वह इजरायल पर किसी भी तरह के हमले से बचे. लेकिन इन चेतावनियों के बावजूद मंगलवार रात को जब ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें दागीं तो अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने आनन-फानन में बयान जारी कर कहा कि हमारा मुल्क हर हालात में इजरायल के साथ खड़ा है. बाइडेन ने अमेरिकी सैनिकों को इजरायल की मदद के आदेश दिए, जिसके बाद अमेरिकी सेनाओं ने कई ईरानी मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया. पेंटागन प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिकी नेवी विध्वंसकों ने इजरायल की ओर दागी गई कई मिसाइलों को मार गिराया.
इजरायल पर ईरान के हमले के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ईरान ने इजरायल पर जितनी भी मिसाइलें दागी थीं, उनमें से ज्यादातर को इंटरसेप्ट कर दिया गया. इस वजह से जमीनी स्तर पर इस हमले से अधिक नुकसान नहीं हुआ. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का कहना है कि अमेरिका और उसे सहयोगी देशों ने ईरान के इस हमले को नाकाम कर दिया.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टार्मर ने भी ईरान हमले की निंदा की. उन्होंने मंगलवार को ही इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर मदद का आश्वासन दिया. स्टार्मर ने कहा कि हम इजरायल के साथ खड़े हैं और संकट की इस घड़ी में इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार है. इस बीच ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जॉन हीले ने कहा कि ब्रिटेन की सेनाओं ने भी मिसाइलों को नेस्तनाबूद किया. इस तरह इजरायल को मिली इन देशों की फौरी मदद से भी ईरान की मिसाइलों को नष्ट कर दिया गया.