
ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में कट्टरपंथी नेता इब्राहीम रईसी ने शनिवार को बड़े अंतर से जीत हासिल की. वह देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई के कट्टर समर्थक और करीबी माने जाते हैं. इब्राहीम रईसी ईरान के शीर्ष न्यायाधीश हैं और अति-रूढ़िवादी विचार के शख्सियत माने जाते हैं. उन्हें 2019 में ईरान की न्यायपालिक का प्रमुख नियुक्त किया गया था. सुप्रीम लीडर के बाद ईरान के राष्ट्रपति देश में दूसरे सर्वोच्च अधिकारी माने जाते हैं.
माना जा रहा है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में ईरान के इतिहास में इस बार सबसे कम मतदान हुआ. शुरुआती नतीजों के अनुसार इब्राहीम रईसी ने एक करोड़ 78 लाख मत हासिल किए. चुनावी दौड़ में एकमात्र उदारवादी उम्मीदवार अब्दुलनासिर हेम्माती बहुत पीछे रह गए. बहरहाल, खामेनेई ने इब्राहीम रईसी के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी को अयोग्य करार दे दिया था. इसके बाद इब्राहीम रईसी ने यह बड़ी जीत हासिल की.
चुनाव बहिष्कार का किया था ऐलान
इब्राहीम रईसी की उम्मीदवारी के कारण ईरान में मतदाता वोटिंग के प्रति उदासीन नजर आए और पूर्व कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद सहित कई लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया. एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक ईरान के गृह मंत्रालय में चुनाव मुख्यालय के प्रमुख जमाल ओर्फ ने बताया कि शुरुआती नतीजों में पूर्व रेवोल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने 33 लाख वोट हासिल किए और हेम्माती को 24 लाख वोट मिले. एक अन्य उम्मीदवार आमिरहुसैन गाजीजादा हाशमी को 10 लाख वोट मिले.
पहले ही मानी हार
उदारवादी उम्मीदवार और ईरान के सेंट्रल बैंक के पूर्व प्रमुख हेम्माती और पूर्व रेवोल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने इब्राहिम रईसी को बधाई दी. हेम्माती ने शनिवार तड़के इंस्टाग्राम के माध्यम से इब्राहिम रईसी को मुबारकबाद दी. उन्होंने लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि आपका प्रशासन ईरान के इस्लामी गणराज्य को गर्व करने लायक बनाएगा, महान राष्ट्र ईरान के कल्याण के साथ जीवन और अर्थव्यवस्था में सुधार करेगा.'
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चुनाव में किसी उम्मीदवार का शुरुआत में ही हार स्वीकार कर लेना ईरान के चुनावों में कोई नई बात नहीं है. यह इस बात का संकेत है कि इब्राहीम रईसी ने हर स्थिति पर नियंत्रण कर जीत हासिल की है. कुछ लोगों ने इन चुनावों का बहिष्कार किया है. इस बार मतदान प्रतिशत 2017 के पिछले चुनाव के मुकाबले काफी कम रहा.
इब्राहीम रईसी पर अमेरिकी प्रतिबंध
जीत की आधिकारिक घोषणा के बाद इब्राहीम रईसी पहले ईरानी राष्ट्रपति होंगे जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है. उन पर यह प्रतिबंध 1988 में राजनीतिक कैदियों की सामूहिक हत्या के लिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने वाली ईरानी न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर लगाया गया था.
राजनीतिक कैदियों को दी थी मौत की सजा
कई ईरानियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने 1980 के दशक में राजनीतिक कैदियों की सामूहिक फांसी में इब्राहीम रईसी की भूमिका पर चिंता जताई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, वह उन चार न्यायाधीशों में से एक थे, जिन्होंने लगभग 5,000 कैदियों को मौत की सजा दी थी. ईरान ने कभी भी सामूहिक फांसी को स्वीकार नहीं किया है और इब्राहीम रईसी ने भी कभी उन पर अपनी भूमिका के आरोपों पर सफाई नहीं दी.
कट्टरपंथियों की पकड़ मजबूत
इब्राहीम रईसी की जीत से ईरान सरकार पर कट्टरपंथियों की पकड़ मजबूत होगी. यह ऐसे समय में हो रहा है जब परमाणु समझौते को बचाने के लिए ईरान के साथ विश्व शक्तियों की विएना में बातचीत चल रही है. ईरान फिलहाल यूरेनियम का बड़े स्तर पर संवर्धन कर रहा है. परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और इजरायल के साथ ईरान का तनाव काफी बढ़ा हुआ है.