Advertisement

Nobel Prize 2023: जेल में बंद नरगिस मोहम्‍मदी को मिला नोबेल शांति पुरस्‍कार, ईरान की सरकार ने 13 बार किया था अरेस्ट

ईरान की महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता न‍रगिस मोहम्‍मदी को नोबेल शांति पुरस्‍कार से नवाजा गया है. नरगिस मोहम्मदी उस बहादुर महिला का नाम है, जिसे  ईरान की सरकार ने 13 बार अरेस्ट किया, लेकिन उनके बुलंद हौसलों में कमी नहीं आई.

ईरान की नरगिस मोहम्‍मदी को  नोबेल शांति पुरस्‍कार मिला है ईरान की नरगिस मोहम्‍मदी को नोबेल शांति पुरस्‍कार मिला है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

ईरान की महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता न‍रगिस मोहम्‍मदी को नोबेल शांति पुरस्‍कार से नवाजा गया है. उन्‍होंने ईरान में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने का साथ ही सभी के लिए फ्रीडम को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी. इसके लिए नरगिस को साल 2023 के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

नरगिस मोहम्मदी उस बहादुर महिला का नाम है, जिसे  ईरान की सरकार ने 13 बार अरेस्ट किया, लेकिन उनके बुलंद हौसलों में कमी नहीं आई. इतना ही नहीं, नरगिस ने 31 साल जेल में बिताए हैं. उन्हें 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई थी. नरगिस मोहम्‍मदी को जब यह सर्वोच्च पुरस्‍कार दिया गया, उस वक्त भी वह जेल में बंद हैं. नोबेल पुरस्कार समिति के अनुसार नरगिस मोहम्मदी को अपने संघर्ष को जबरदस्त कीमत चुकानी पड़ी है. 

Advertisement

फ्रंट लाइन डिफेंडर्स अधिकार संगठन के अनुसार ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता तेहरान की एविन जेल में कई सजा काट रही हैं. नरगिस मोहम्मदी पर ईरानी शासन के खिलाफ भ्रामक प्रचार फैलाने का भी आरोप है.

भेदभाव और उत्पीड़न का विरोध

नरगिस मोहम्मदी की सक्रियता 1990 के दशक से शुरू हुई, जब फिजिक्स की एक स्टूडेंट के रूप में उन्होंने समानता और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करना शुरू की. नोबेल समिति ने कहा कि नरगिस मोहम्मीद ने लगातार भेदभाव और उत्पीड़न का विरोध किया है.

नरगिस ने सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार के लिए संघर्ष की वकालत की. ईरान में ये एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए इस देश में अक्सर उत्पीड़न, जेल की सजा, यातना और यहां तक ​​कि मौत का सामना करना पड़ता है.

महिलाओं के हक के लिए लड़ाई

Advertisement

समिति ने कहा कि नरगिस मोहम्मदी महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता को दबाने वाले नियमों को चुनौती देती है. वह बार-बार और पुरजोर तरीक से महिलाओं की अभिव्यक्ति की आजादी और स्वतंत्रता के अधिकार का मुद्दा उठाती रही हैं.

महसा अमीनी की मौत पर दी सरकार को चुनौती

तेहरान में एविन जेल के भीतर नरगिस मोहम्मदी ने पिछले साल कुर्द महिला महसा अमिनी की मौत के बाद हुए विरोधों में प्रदर्शनकारियों का न सिर्फ समर्थन किया, बल्कि लोगों को इसके खिलाफ एकत्र करने के लिए जागरूक भी किया. जेल की सख्त परिस्थितियों में भी वह बाहरी दुनिया के साथ संवाद करने में कामयाब रहीं. न्यूयॉर्क टाइम्स ने महसा अमिनी की मौत की सालगिरह पर नरगिस का लेख प्रकाशित किया था. न्यूयॉर्क टाइम्स में उनके लेख का शीर्षक था- The more of us they lock up, the stronger we become (वे हममें से जितने ज्यादा लोगों को जेल में बंद करेंगे, हम उतने ही मजबूत होते जाएंगे).

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement