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ईरान के एक इमाम ने बेहद विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हिजाब नहीं पहनने वाली महिलाएं देश में कम बारिश के लिए जिम्मेदार हैं, जिस वजह से देश जल संकट का सामना कर रहा है.
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के एक निकट सहयोगी मोहम्मद मेहदी हुसैनी हामेदानी का कहना है कि देश में महिलाएं हिजाब पहनने के अनिवार्य नियम का उल्लंघन कर रही हैं, जिससे देश में कम बारिश हो रही है. उन्होंने कहा कि किसी शॉपिंग मॉल, संस्थान या फार्मेसी जाकर यह कल्पना करना असंभव है कि हम एक इस्लामिक मुल्क में जी रहे हैं.
उन्होंने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वे दुकानों और शॉपिंग मॉल को ये चेतावनी दें कि बिना हिजाब के किसी महिला को घुसने नहीं दिया जाए.
ईरान में जल संकट
दो हफ्ते पहले ईरान सरकार ने पुष्टि की थी कि देश के 270 से अधिक शहर जल संकट से जूझ रहे हैं. देश के कई बांधों का जलस्तर काफी कम हो गया है.
ईरान वॉटर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने एक चेतावनी भी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि आगामी सालों में पानी की कीमतें बढ़ जाएंगी. देश में जल संकट को देखते हुए ईरान बीते पचास सालों में सबसे खराब सूखे का सामना कर रहा है, जिसे कृषि सहित आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है.
बता दें कि ईरान में इस साल सितंबर महीने से ही हिजाब के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन चल रहा है. 22 साल की महसा अमीनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने उसे 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि तेहरान में अमीनी ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है. अमीनी को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां तबीयत बिगड़ी तो अमीनी को अस्पताल ले जाया गया. तीन दिन बाद खबर आई कि उनकी मौत हो गई.
बता दें कि हिजाब के विरोध में ईरान में शुरू हुई प्रदर्शन की यह आग दुनियाभर के कई देशों तक फैली और लोग हिजाब के विरोध में खुलकर सामने आए. महसा अमीनी को इस आंदोलन की बयार माना गया और पुलिस हिरासत में उसकी हत्या के खिलाफ ईरान की वैश्विक मंच पर निंदा हुई.