
हेलिकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई है. क्रैश में ईरानी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और गवर्नर की मौत हो गई है. ईरान की सरकारी मीडिया ने इसकी पुष्टि कर दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुर्घटना की शुरुआती वजह खराब मौसम को बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर की हार्ड लैंडिंग हुई है. दुनिया भर में इब्राहिम रईसी की मौत को लेकर दुख जताया जा रहा है और ईरान के भविष्य को लेकर चर्चा की जा रही है. लेकिन इजरायल, जिस पर ईरान ने कुछ दिनों पहले ही हवाई हमला किया था, वहां की मीडिया में रईसी की मौत की खबर को लेकर तमाम तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं.
'तेहरान का कसाई'
इजरायल के एक बड़े अखबार 'द टाइम्स ऑफ इजरायल' ने लिखा है कि 'राष्ट्रपति बनने से पहले, रईसी ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के अधीन न्यायपालिका के अंदर विभिन्न पदों पर काम किया. एक अभियोजक के रूप में, और 1988 में ईरान-इराक युद्ध के अंत में, वो उस समिति का हिस्सा थे जिसने हजारों राजनीतिक कैदियों को मौत की सजा सुनाई. हजारों की संख्या में लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद उन्हें "तेहरान (ईरान की राजधानी) का कसाई" कहा गया.'
'टाइम्स ऑफ इजरायल' के एक अन्य लेख में कहा गया है कि दो वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों की मौत ऐसे समय में एक नाटकीय घटनाक्रम है जब क्षेत्र में कई संघर्ष एक साथ चल रहे हैं. लेकिन इस घटना से क्षेत्र की लड़ाइयों पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि विदेश नीति और युद्ध पर निर्णय ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई करते हैं.
लेख में कहा गया कि ईरानी सत्ता बार-बार लग रहे झटकों से कमजोर नजर आ रही है. लेख में कहा गया, 'तेहरान महीनों से कमजोर नजर आ रहा है. 3 जनवरी को इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने ईरान के एलिट कुद्स फोर्स के मुखिया रहे जनरल कासिम सोलेमानी की कब्र के पास कम से कम 84 लोगों को बम से उड़ा दिया. ये लोग अमेरिकी ड्रोन से मारे गए सोलेमानी की चौथी पुण्यतिथि मनाने के लिए जमा हुए थे. पिछले महीने ही सुन्नी आतंकवादी समूह जैश अल-अद्ल ने 11 ईरानी पुलिस अफसरों की हत्या कर दी थी.'
'द जेरुसलम पोस्ट' ने क्या कहा?
इजरायल के एक और अखबार 'द जेरुसलम पोस्ट' ने एक विश्लेषात्मक लेख छापा है जिसमें कहा है कि रईसी की मौत से ईरान की घरेलू राजनीति पर असर देखने को मिलेगा लेकिन सत्ता नहीं बदलेगी.
लेख में लिखा गया, 'रईसी की मौत से इजरायल के साथ ईरान की दुश्मनी पर कोई असर नहीं होगा और न ही ईरान हमास और हिज्बुल्लाह जैसे समूहों को समर्थन देना छोड़ेगा जो फिलहाल इजरायल के साथ युद्ध लड़ रहे हैं. रईसी की मौत से ईरान के परमाणु बम बनाने की योजना पर भी कोई असर नहीं होगा.'
'रईसी को ईश्वर ने सजा दी है'
जेरुसलम पोस्ट के ही एक अन्य लेख में लिखा गया कि, 'रविवार को उत्तर-पश्चिमी ईरान में कोहरे की स्थिति में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर की आपातकालीन "हार्ड लैंडिंग" की खबर के बाद, इजरायल के कई यहूदी धर्मगुरुओं ने सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की है. उनका कहना है कि ये सब ईश्वर ने किया है.'
धर्मगुरु मीर अबुतबुल ने रईसी को 'तेहरान का जल्लाद' कहते हुए अपने एक फेसबुक पोस्ट में उनके लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. अपनी पोस्ट में अबुतबुल लिखते हैं, 'वो यहूदियों को सूली पर लटकाना चाहता था, इसलिए ईश्वर ने एक हेलिकॉप्टर क्रैश में उसके और इजरायल से नफरत करने वाले उसके सभी साथियों को सजा दी.' अबुतबुल ने लिखा कि यह रईसी को ईश्वर का दंड है.
इजरायल की एक न्यूज वेबसाइट हारेत्ज ने लिखा कि घंटों चले सर्च ऑपरेशन के बाद रेस्क्यू टीम ने राष्ट्रपति रईसी औऱ विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियान को ले जा रहे हेलिकॉप्टर को ढूंढ लिया है जो पूरी तरह जली हुई स्थिति में मिला है. सोमवार को, अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि हेलिकॉप्टर पर सवार सभी यात्रियों की मौत हो गई है.