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ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव आज, 2 उम्मीदवारों ने वापस लिया नाम, रेस में हैं ये चार कैंडिडेट

ईरान में 28 जून यानी आज राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. राष्ट्रपति पद की रेस में 4 उम्मीदवार हैं. इसमें सईद जलीली, मोहम्मद बाक़र क़ालीबाफ़, मुस्तफ़ा पोरमोहम्मदी और मसूद पेज़ेशकियान का नाम शामिल है.

ईरान में 28 जून को राष्ट्रपति चुनाव होना है (फोटो क्रेडिट- AFP) ईरान में 28 जून को राष्ट्रपति चुनाव होना है (फोटो क्रेडिट- AFP)
aajtak.in
  • तेहरान,
  • 27 जून 2024,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

ईरान में आज राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. राष्ट्रपति पद की रेस से 2 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया है. इसमें 53 वर्षीय आमिर हुसैन काजीजादेह हाशमी और तेहरान के मेयर अली रज़ा ज़कानी का नाम शामिल है. अब राष्ट्रपति पद की रेस में 4 उम्मीदवार हैं. इसमें सईद जलीली, मोहम्मद बाक़र क़ालीबाफ़, मुस्तफ़ा पोरमोहम्मदी और मसूद पेज़ेशकियान हैं. बता दें कि ईरान में चुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि पिछले महीने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की एक विमान हादसे में मौत हो गई थी.

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हाशमी ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के साथ ही दूसरे उम्मीदवारों से भी ऐसा करने की अपील की, ताकि क्रांति के मोर्चे को मजबूत किया जा सके. गाजीजादेह हाशमी दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के उपाध्यक्षों में से एक हैं. साथ ही वह एक अहम फाउंडेशन के चीफ के रूप में भी काम कर चुके हैं. उन्होंने 2021 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भी हिस्सा लिया और करीब 1 मिलियन वोट हासिल किए थे, लेकिन वह आखिरी पायदान पर रहे थे. 

2 कैंडिडेट्स ने वापस लिए नाम

समाचार एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक हाशमी के अलावा तेहरान के मेयर अलीरेजा ज़कानी ने भी नाम वापस ले लिया, जैसा कि उन्होंने 2021 के चुनाव में पहले किया था जिसमें रईसी को वोट दिया गया था. ज़कानी ने कहा कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी के तीसरे प्रशासन के गठन को रोकने के लिए नाम वापस ले लिया. उनका यह बयान सुधारवादी उम्मीदवार मसूद पेजेशकियन के संदर्भ में था, पेजेशकियन पूर्व ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद ज़रीफ़ के समर्थन से चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्होंने रूहानी के नेतृत्व में विश्व शक्तियों के साथ 2015 का परमाणु समझौता किया था.

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अब 4 उम्मीदवार हैं रेस में

2 कैंडिडेट्स की ओर से अपने नाम वापस लेने के बाद अब राष्ट्रपति पद की रेस में 4 उम्मीदवार हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि 2 कट्टरपंथी, पूर्व परमाणु वार्ताकार सईद जलीली और संसदीय अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर कलीबाफ एक ही गुट के लिए लड़ रहे हैं. फिर मसूद पेजेशकियन हैं, जो एक कार्डियक सर्जन हैं, जिन्होंने खुद को रूहानी और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी जैसे अन्य सुधारवादी लोगों और 2009 के ग्रीन मूवमेंट विरोध का नेतृत्व करने वालों के साथ जोड़ने की कोशिश की थी.

राष्ट्रपति पद की रेस में अब 4 उम्मीदवार हैं (फोटो- AFP)

खामेनेई ने अपनाया पुराना रुख

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरान के धर्मतंत्र ने महिलाओं या देश की सरकार में आमूलचूल परिवर्तन का आग्रह करने वाले किसी भी व्यक्ति को मतदान के लिए मंजूरी नहीं देने के अपने रुख को बनाए रखा है. हालांकि हाल के दिनों में खामेनेई ने अधिकतम मतदान का आह्वान किया था. साथ ही मसूद पेजेशकियन और उनके सहयोगियों को संयुक्त राज्य अमेरिका पर भरोसा करने के बारे में एक चेतावनी भी जारी की थी.

पेजेशकियन ने किया ये वादा

वहीं, सुधारवादी उम्मीदवार मसूद पेजेशकियन ने अपने अंतिम चुनाव प्रचार के दिनों में केरमान और यज़्द की यात्रा की. लोगों से कई वादे किए और उनके भरोसे को न तोड़ने की कसम खाई. बुधवार को केरमानी की एक सभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम सामाजिक अभाव को खत्म करते हैं और लोगों के साथ मिलकर एक गौरवशाली ईरान की दिशा में काम करते हैं.

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सईद जलीली भी हैं मजबूत दावेदार

इस बीच सईद जलीली ने एक दिन पहले केरमान की अपनी यात्रा के दौरान आर्थिक असमानता के मुद्दे को संबोधित किया. प्रांत की खदानों में उचित मजदूरी की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने रिफॉर्मिस्ट की आर्थिक विकास में ठहराव की नीति की आलोचना की और न्याय स्थापित करने के लिए केरमान की सभी क्षमताओं का उपयोग करने का आह्वान किया.

क़ालीबाफ़ ने की प्रतिबंधों को खत्म करने की बात

मोहम्मद बाघेर क़ालीबाफ़ ने पूर्वी अज़रबैजान की अपनी यात्रा के दौरान ईरान की अर्थव्यवस्था पर प्रतिबंधों के प्रभाव पर जोर डाला और निर्वाचित होने पर प्रतिबंधों को खत्म करने की बात कही. उन्होंने अगले साल तक ओमान सागर और हिंद महासागर के तटों पर दूसरी आर्थिक राजधानी स्थापित करने के अपने वादे पर ज़ोर दिया.

गार्जियन काउंसिल घोषित करती है प्रत्याशियों की लिस्ट

ईरान में नियमों के अनुसार उम्मीदवारों के आवेदन को पहले देश की गार्जियन काउंसिल देखती है, काउंसिल की मंज़ूरी के बाद ही प्रत्याशी को चुनाव लड़ने की अनुमति मिलती है. गार्डियन काउंसिल द्वारा आधिकारिक उम्मीदवारों की सूची घोषित किए जाने के बाद से विश्लेषक चेतावनी दे रहे हैं कि अगर कंजर्वेटिव एक ही कैंडिडेट के लिए अपना समर्थन मजबूत करने में विफल रहते हैं, तो ईरान में 28 जून को होने वाले चुनावों में हार का जोखिम हो सकता है. 

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