
ईरान ने मंगलवार को पश्चिमी पाकिस्तान में आतंकी समूहों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भी ईरान के कुछ इलाकों में हमला किया. पाकिस्तान ने ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में कथित रूप से आतंकी संगठनों के ठिकाने पर हमले किए हैं. इन हमलों से दोस्त रहे दोनों इस्लामिक देशों के बीच तनाव चरम पर है.
पाकिस्तान का कहना है कि ईरान के हमले के दो बच्चों की मौत हुई है. उसने ईरान को धमकी देते हुए कहा कि ईरान को हमले के गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. वहीं, पाकिस्तान के हमलों को लेकर ईरान की मीडिया कह रही है कि सिस्तान बलूचिस्तान में कई मिसाइलें गिरी हैं जिसमें तीन महिलाओं और चार बच्चों की मौत हुई है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ईरानी मीडिया का कहना है कि मारे जाने वाले लोग ईरान के नागरिक नहीं थे.
ईरान ने पाकिस्तान पर हमला करने से ठीक एक दिन पहले सोमवार को इराक और सीरिया पर हमला किया था. अपने हमले का बचाव करते हुए ईरान ने कहा था कि उसने इराक पर सीरिया पर हमला इसलिए किया ताकि इन दोनों देशों की जमीन से उसके खिलाफ ऑपरेट करने वाले आतंकियों को सजा दी जा सके.
'एक-दूसरे पर हमला करने को उतारू मुस्लिम देश'
मध्य-पूर्व में हमास-इजरायल युद्ध और अब इस्लामिक देशों के बीच छिड़ी लड़ाई पर अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज के फाउंडिंग डायरेक्टर भारतीय मूल के प्रोफेसर मुक्तदर खान ने हमास-इजरायल युद्ध के संदर्भ में कहा है कि इस्लामिक देश खुद का बचाव तो कर नहीं पा रहे, उलटे एक-दूसरे पर ही हमला करने को उतारू हो गए हैं.
प्रोफेसर खान कहते हैं कि मध्य-पूर्व बेहद अस्थिर हो उठा है और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन भी एकजुट होकर हमले कर रहे हैं. ऐसे में ईरान-पाकिस्तान का लड़ाई में उलझना पूरी दुनिया के लिए घातक साबित हो सकता है.
पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक को लेकर हुए सवाल पर क्या बोला अमेरिका?
वो कहते हैं, 'पाकिस्तान और ईरान के बीच मिलकर आतंकवाद का सामना करने के लिए एक समझौता भी है. अगर किसी देश के साथ आपके रिश्ते दोस्ताना हैं तो इस तरह के हमले से पहले आप उस देश को जानकारी देते. लेकिन ईरान ने ऐसा नहीं किया जिससे ऐसा लगता है कि उसे पाकिस्तान की सरकार पर विश्वास नहीं है. ईरान को शायद ऐसा लगा कि अगर पाकिस्तान को हमले की जानकारी दी जाती है तो वो आतंकियों को इसकी जानकारी दे सकता है.'
'पाकिस्तान को लेकर भारत भी ईरान की तरह सोचता है'
मुक्तदर खान का कहना है कि ईरान ने बिना किसी जवाबी कार्रवाई की परवाह किए पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया जिससे पता चलता है कि उसे पाकिस्तान का बिल्कुल भी डर नहीं है.
वो कहते हैं, 'अगर आप पाकिस्तानी हैं, पाकिस्तान की सेना से हैं तो यह आपके लिए अपमान की तरह है. आतंकवाद के मुद्दे को लेकर ईरान को पाकिस्तान से बातचीत पर बिल्कुल भरोसा नहीं है और उसका स्पष्ट मानना है कि पाकिस्तान में आतंकी छिपे हुए हैं और वो उनका साथ दे रहा है... हम आतंकियों को मारेंगे.. आप चाहें जो कर लें. ठीक ऐसा ही भारत पाकिस्तान के बारे में सोचता है.'
दोनों देशों के बीच संघर्ष दुर्भाग्यपूर्ण होगा
रिटायर्ड एयर मार्शल और रक्षा मामलों के जानकार अनिल चोपड़ा ने ईरान के हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से ईरान पर हमले को लेकर चिंता जताई है.
उन्होंने कहा, 'ईरान की सेना शक्तिशाली है और पाकिस्तान की भी. ऐसे में अगर दोनों के बीच कोई संघर्ष शुरू होता है तो यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण होगा.'
हमले को लेकर भारत, अमेरिका, चीन ने दी प्रतिक्रिया
ईरान के पाकिस्तान पर हमले को लेकर दुनिया भर से प्रतिक्रिया सामने आई है. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि ईरान ने आत्मरक्षा में जो किया, उन कार्रवाइयों को हम समझते हैं. बयान में कहा गया कि आतंकवाद को लेकर भारत की नीति जीरो टॉलरेंस वाली है. हालांकि, भारत की तरफ से कहा गया कि यह मामला ईरान और पाकिस्तान के बीच का है.
वहीं, अमेरिका ने ईरान की तरफ से पाकिस्तान पर किए गए हमले की निंदा की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, 'अमेरिका इन हमलों की निंदा करता है. हमने पिछले कुछ दिनों में ईरान को अपने तीन पड़ोसियों की संप्रभु सीमाओं का उल्लंघन करते देखा है. एक तरफ ईरान आतंकवाद को बढ़ावा देता है तो दूसरी तरफ दावा कर रहा है कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए इस तरह के हमले कर रहा है.'
चीन ने भी ईरान के हमले पर प्रतिक्रिया दी है. चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि सभी देशों के एक-दूसरे की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और संरक्षण करना चाहिए.